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दलाई लामा का 85 वां जन्मदिन, अनुयायियों से अपील- घर से ही करें प्रार्थना

धर्मशाला: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा सोमवार को 85 वर्ष के हो गए। कोविड-19 के मद्देनजर दलाई लामा ने अपने अनुयायियों से कहा कि वे घर से ही प्रार्थना करें।
दुनिया भर में फैले उनके अनुयायियों ने उनके प्रति समर्पित ‘ईयर ऑफ ग्रेटीट्यूड’ यानी आभार वर्ष वर्चुअल तरीके से मनाना शुरू कर दिया है। जन्मदिन के मौके पर अपने निवास स्थान से एक वीडियो संदेश में दलाई लामा ने अपने अनुयायियों से कहा कि महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों के चलते बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ इकट्ठा करके बड़ा उत्सव आयोजित करना संभव नहीं था।
उन्होंने कहा, और यह आवश्यक भी नहीं है। हालांकि, यदि आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं, तो मैं आपसे चाहूंगा कि आप कम से कम एक हजार बार मणि मंत्र (ओम मणि पद्म हंग) का पाठ करें। मेरे यह कहने के पीछे का कारण यह है कि हम तिब्बतियों का अवलोकितेश्वर के साथ एक अनूठा संबंध है।
उन्होंने कहा, जब हम निर्वासन के दौरान भारत आए और धर्मशाला में बसे तो चेनरेजि़ग वती सांगपो की प्रतिमा मुझे यहां लाई थी। इसलिए यदि आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं और आप एक साथ मिलना चाहते हैं तो अवलोकितेश्वर को याद रखें।
दलाई लामा को उनकी मातृभूमि में लोकतंत्र और आजादी पाने के उनके अहिंसक अभियान के लिए 1989 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई को तक्तसेर में हुआ था, जोकि वर्तमान में उत्तरी तिब्बत का एक हिस्सा है।