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सरकारी सहायता प्राप्त व गैर-सहायता प्राप्त निजी संस्थानों में भी मिलेगा आरक्षण

नयी दिल्ली , मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव वाले संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है। मंगलवार शाम को ही इस पर बहस होने वाली है और मतदान भी हो सकता है। सरकार के पास लोकसभा में इस विधेयक को पारित कराने के लिए पर्याप्त बहुमत है, लेकिन वह कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों से इस मसले पर साथ देने के लिए बातचीत कर रही है।
इस बीच विधेयक की कॉपी सांसदों और मीडिया को पढ़ने के लिए दी गई है। इसके मुताबिक गरीबों को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण निजी क्षेत्र के सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में भी मिलेगा। सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण के दायरे में देश के ईसाई और मुस्लिम गरीबों समेत सभी धर्मों के लोग आएंगे। इसकी जानकारी सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक को पेश करते हुए दी। इस प्रस्ताव को मंजूरी देने वाले 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि इसके तहत सभी वर्ग के लोग आएंगे। उन्होंने कहा कि इस आरक्षण का आधार सामाजिक या शैक्षणिक नहीं है बल्कि आर्थिक है।
सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को लागू करने के लिए 124वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है। इसे पारित कराने के लिए लोकसभा में सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है। लेकिन राज्यसभा में इस विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार को विपक्षी दलों के समर्थन की जरूरत होगी।