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72 घंटे में कर लें मरीज की पहचान तो जीत लेंगे कोरोना से जंग, पीएम मोदी ने राज्यों को दिए ये टिप्स…

नयी दिल्ली: भारत में तमाम उपायों के बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. अब तो रोजाना भारत में अमेरिका और ब्राजील से भी ज्यादा केस आ रहे हैं. कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की.
इस बैठक में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और गुजरात के मुख्यमंत्री समेत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल हुए.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अब इसी 72 घंटे के फॉर्मूले पर फोकस करना होगा, जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकले उसके 72 घंटे में सभी संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग जरूरी है. दिल्ली-यूपी में हालात डराने वाले थे, लेकिन अब टेस्टिंग बढ़ाने के बाद हालात सुधरे हैं. इस मीटिंग में पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कोरोना संकट से निपटने के लिए कई टिप्स दिये.

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्टिव केस 6 लाख से ज्यादा हो चुके हैं. इनमें से ज्यादा मामले हमारे इन 10 राज्यों में ही हैं. इसीलिए हम समीक्षा के लिए बैठे हैं. आज की चर्चा से हमें एक-दूसरे के अनुभवों से काफी कुछ सीखने को मिला. एक बात निकलकर आया है कि अगर हम मिलकर अपने इन 10 राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा.
पीएम ने कहा कि बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात और तेलंगाना में टेस्टिंग रेट बढ़ाने की जरूरत है. कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कंटैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस सबसे प्रभावी हथियार है. हम सब कोशिशों से अच्छे परिणाम की ओर आगे बढ़े हैं. शुरुआत के 72 घंटे में केस की पहचान कर लें तो इसका संक्रमण नहीं फैल सकता है.
पीएम ने कहा कि टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लाख पहुंच चुकी है. इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम उसके परिणाम देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां मौत की दर पहले भी दुनिया के मुकाबले कम थी. संतोष की बात है कि यह लगातार और कम हो रही है. एक्टिव केस भी कम हुए हैं. रिकवरी रेट बढ़ता जा रहा है. इससे लोगों के बीच भी आत्मविश्वास बढ़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मौत की दर को 1 फीसदी से भी कम पर लाना है. अगर हम प्रयास करें तो वो लक्ष्य भी हासिल कर सकते हैं. क्या करना है, कैसे बढ़ना है इसे लेकर भी काफी स्पष्टता निकलकर सामने आई है. मुझे पूरा विश्वास है कि हम ये लक्ष्य भी जरूर हासिल करेंगे.