ठाणेमहाराष्ट्रशहर और राज्य विरार के 3 छात्रों की मौत पर कोर्ट ने पूछा- एक अध्यापक क्यों छात्रों की हत्या करेगा? 17th January 201917th January 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से उन तीन छात्रों की मौत की जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी है, जिनकी २०१४ में विरार के एक आवासीय स्कूल में मौत हो गई थी।न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायाधीश भारती डांगरे ने इन तीनों छात्रों के अभिभावकों द्वारा दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। ये तीनों छात्र १४ साल के थे और यह घटना उस समय हुई जब परीक्षा में खराब अंकों के कारण उनके अध्यापक की डांट-फटकार से डरकर वे आवासीय स्कूल से भाग निकले थे। एक दिन बाद उनके शव स्कूल के पास की एक नदी में तैरते मिले।मेडिकल रिपोर्ट से मालूम हुआ कि उनकी मौत डूबने से हुई। हालांकि विरार पुलिस ने जो चार्ज शीट दायर की है, उसमें बच्चों की मौत की वजह छात्रों द्वारा आत्महत्या बताया है, लेकिन इनके अभिभावकों का कहना है कि उन्हें पुलिस की जांच में विश्वास नहीं है और यह जांच सीबीआई द्वारा कराई जाए।अभिभावकों ने कोर्ट को बुधवार को बताया कि उन्हें इस घटना के बारे में कुछ संदेह हैं और सीबीआई को उन्हें सामने लाना होगा। इस मामले में अध्यापक की क्या भूमिका रही है क्योंकि उसके डर से ही बच्चों को स्कूल परिसर से भागना पड़ा। अभिभावकों का यह भी मानना है कि स्कूल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद बच्चे कैसे वहां से भाग निकले। याचिकाकर्ताओं के वकील किशोर रेडेकर ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि हो सकता है कि अध्यापक ने ही स्कूल में ही बच्चों की हत्या कर दी हो?इस मांग पर कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को सीबीआई को देने को इच्छुक नहीं है, क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट और चार्जशीट में अध्यापकों या स्कूल संचालकों की ओर से किसी लापरवाही या कोताही बरतने की बात नहीं की गई है।कोर्ट ने पूछा कि, एक अध्यापक क्यों छात्रों की हत्या करेगा? हम केवल आपके आरोपों के आधार पर ही मामला जांच के लिए सीबीआई को नहीं दे सकते। लेकिन कोर्ट ने सरकार से कहा कि इस मामले की जांच की सभी प्रगति रिपोर्ट वह अगली सुनवाई के दौरान पेश करे। Post Views: 136