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27 साल बाद हर्षद मेहता की पत्‍नी ने जीता केस, अब कोर्ट ने 18 पर्सेंट ब्‍याज के साथ 6 करोड़ लौटाने का दिया आदेश

मुंबई , शेयर मार्केट के चर्चित घोटालेबाज हर्षद मेहता की पत्‍नी ज्‍योति मेहता को आखिरकार 27 साल तक चले एक मुकदमे में विजय मिल गई है। एक ब्रोकर उनके पति से लिए गए 6 करोड़ रुपये वापस नहीं कर रहा था जिसे अब कोर्ट ने 18 पर्सेंट ब्‍याज के साथ ज्‍योति को लौटाने का आदेश दिया है। कोर्ट का यह फैसला 30 दिनों बाद लागू होगा। तब तक दूसरी पार्टी इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।
स्‍पेशल कोर्ट की जज शालिनी फंसालकर जोशी 1992 में हुए शेयर घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही हैं। हर्षद मेहता की पत्‍नी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि ब्रोकर किशोर जनानी और फेडरल बैंक ने उनके पति से 6 करोड़ रुपये लिए थे जिसे वह वापस नहीं कर रहे हैं। ज्‍योति ने इस पैसे को 1992 से लेकर अब तक हुए ब्‍याज के साथ लौटाने की मांग की थी। कोर्ट ने ज्‍योति के दावे को बरकरार रखा है।
उधर आरोपियों ने ज्‍योति के दावे को गलत बताया और करीब 20 साल बाद दावा किए जाने को लेकर सवाल उठाए पर कोर्ट ने कहा कि इस मामले में लॉ ऑफ लिमिटेशन नहीं लागू होता है। जज जोशी ने कस्‍टोडियन को आदेश दिया कि वह पैसे की वसूली कर हर्षद मेहता के देनदारों के बीच बांटना सुनिश्चित कराएं। ज्‍योति मेहता ने कोर्ट में दो अलग-अलग दावे किए थे। एक याचिका में उन्‍होंने 4 करोड़ तो दूसरे में 2.60 करोड़ रुपये वापस करवाने की अपील की थी। कोर्ट ने इन दोनों मामलों में कस्‍टोडियन से बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज से पैसा ब्‍याज सहित वापस लेने का आदेश दिया है। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में ही ब्रोकर ने यह पैसा लगाया हुआ है।
गौरतलब है कि हर्षद मेहता ने शेयर मार्केट में 90 के दशक में 4 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला किया था। 1992 में सीबीआई ने ‘बिग बुल’ नाम से प्रसिद्ध हर्षद मेहता के कारनामों का राजफाश किया था। हर्षद मेहता बैंक से एक 15 दिन का लोन लेता था और उसे स्टॉक मार्केट में लगा देता था। साथ ही 15 दिन के भीतर वो बैंक को मुनाफे के साथ पैसा लौटा देता था। मेहता एक बैंक से फर्जी कागजात बनवाता जिसके बाद उसे दूसरे बैंक से भी आराम से पैसा मिल जाता था।