दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रराजनीतिशहर और राज्य मनमोहन की पीएम मोदी को चिट्ठी- अमेरिका और यूरोप ने जिन वैक्सीन को मंजूरी दी, उन्हें बिना ट्राय वैक्सीनेशन ड्राइव में शामिल करें 18th April 202118th April 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देश की बदहाली को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अहम सलाह देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी लाई जानी चाहिए और विदेशी कंपनियों से वैक्सीन मंगवाने के लिए एडवांस ऑर्डर देना चाहिए। पूर्व पीएम ने कहा- जिन वैक्सीन को यूरोप और अमेरिका की बड़ी हेल्थ एजेंसियों की मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें बिना घरेलू ट्रायल के वैक्सीनेशन ड्राइव में शामिल करना चाहिए। मोदी को मनमोहन की 5 सलाहें… सरकार को लोगों को बताना चाहिए कि किन वैक्सीन प्रोड्यूसर्स को कितने डोज के ऑर्डर दिए गए हैं और अगले 6 महीने तक इनकी सप्लाई के लिए कितने ऑर्डर स्वीकार किए गए हैं। अगर हमें इन 6 महीनों के दौरान किसी निश्चित जनसंख्या को वैक्सीन लगानी है तो इसके लिए हमें एडवांस में ऑर्डर देने चाहिए, ताकि वैक्सीन सप्लाई होने में परेशानी न आए।सरकार को यह बताना चाहिए कि ये सब कैसे किया जाएगा और सभी राज्यों में वैक्सीन किस हिसाब से बांटी जाएगी। केंद्र सरकार राज्यों को 10 प्रतिशत वैक्सीन की डिलीवरी इमरजेंसी के तौर पर कर सकती है। इसके बाद वैक्सीन की डिलीवरी होने पर आगे की सप्लाई की जाए।राज्यों को फ्रंटलाइन वर्कर्स तय करने में थोड़ी सहूलियत देनी चाहिए ताकि 45 से कम उम्र होने पर भी उन्हें वैक्सीन लगाई जा सके। उदाहरण के तौर पर हो सकता है टीचर्स, बस-टैक्सी-थ्री व्हीलर चलाने वालों, नगर पालिका और पंचायत के स्टार और वकीलों को फ्रंट लाइन वर्कर्स घोषित करना चाहते हों। ऐसे में उन्हें 45 साल से कम उम्र होने पर भी वैक्सीन लगाई जा सकेगी।पिछले कुछ दशकों से भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन प्रोड्यूसर बनकर उभरा है। खासतौर पर निजी क्षेत्र में। इसकी वजह सरकार द्वारा अपनाई गईं पॉलिसी हैं। इस इरजेंसी के हालत में सरकार को वैक्सीन प्रोड्यूसर्स को प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सहूलियतें और रियायतें देनी चाहिए। कानून में लाइसेंस के नियम को फिर से शुरू करना चाहिए ताकि कंपनियां इसके तहत लाइसेंस हासिल कर प्रोडक्शन शुरू कर सकें। एड्स जैसी बीमारी से लड़ते वक्त पहले भी ऐसा किया जा चुका है। कोविड की बात करें तो मैंने ये पढ़ा है कि इजरायल ने कम्पल्सरी लाइसेंस प्रोविजन को लागू कर दिया है। भारत में बढ़ते कोरोना केस देखते हुए, यहां भी इसे लागू करना चाहिए।स्वदेशी वैक्सीन की सप्लाई सीमित है। ऐसे में यूरोपियन मेडिकल एजेंसी और USFDA जैसी विश्वसनीय एजेंसियों ने जिन वैक्सीन को अप्रूवल दिया है, उन्हें घरेलू ट्रायल जैसी शर्त के बिना मंगवाया जाए। मुझे लगता है कि इमरजेंसी के हालात को देखकर एक्सपर्ट भी इसे जायज ही मानेंगे। ये सहूलियत निश्चित समयसीमा के लिए ही होगी, जिसके भीतर भारत में ब्रिज ट्रायल पूरे कर लिए जाएंगे। जिन लोगों को ये वैक्सीन लगवाई जाए, उन्हें भी इस संबंध में जानकारी दी जाए कि इन्हें विदेश में विश्वसनीय एजेंसियों ने अप्रूवल दिया है। Post Views: 124