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समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने अफसर से पूछा- कितना पढ़े-लिखे हो..?

अखिलेश यादव के सवाल को लेकर हो रही है खूब आलोचना

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मंगलवार को एक शपथग्रहण में शामिल होने के लिए जा रहे थे। उनका काफिला लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां एडीएम वैभव मिश्रा दल-बल के साथ मौजूद थे। गाड़ी से जैसे ही अखिलेश यादव नीचे उतरे यूपी पुलिस ने उन्हें सल्यूट किया। पास में खड़े लखनऊ एडीएम सिटी वैभव मिश्रा ने भी उन्हें सम्मान देते हुए नमस्ते किया। इसके बाद एडीएम ने उन्हें प्लेन में जाने से रोकने की कोशिश की। एक मौका यह भी आया कि अखिलेश यादव के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने एडीएम वैभव मिश्रा को झिड़क दिया। हालांकि, इसके बावजूद वैभव मिश्रा अखिलेश को मनाने की कोशिश करते रहे। इस दौरान अखिलेश यादव ने वैभव मिश्रा से एक सवाल किया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, अखिलेश यादव जैसे ही गाड़ी से उतरते हैं, पुलिसकर्मी उन्हें सल्यूट करते हैं। वहीं, एडीएम वैभव मिश्रा नमस्ते करने के बाद अखिलेश यादव को रोकते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान अखिलेश यादव यह कह रहे हैं, ‘एक मिनट, पहले बात बताइए, साइड में बात कीजिए, हाथ मत लगाना…हाथ मत लगाना, पहले बात करो, तुम कितना पढ़े लिखे हो…कारण क्या है?’

अखिलेश यादव का यह सवाल इसलिए चर्चा में है क्योंकि वैभव मिश्रा 2008 पीसीएस बैच के टॉपर रहे हैं। ऐसे में उनसे यह सवाल किया जाना अजीब माना जा रहा है ! इसकी वजह से अखिलेश यादव को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
कौन हैं एडीएम वैभव मिश्रा :
बता दें कि वैभव मिश्रा प्रतापगढ़ जनपद की पट्टी तहसील क्षेत्र के गजरिया गांव के मूल निवासी हैं। उनके पिता एसपी मिश्रा भारतीय सेना में वॉरंट ऑफिसर के पद पर थे। चार भाई-बहनों में वैभव सबसे छोटे हैं। वह जब पांच साल के ही थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। वैभव मिश्रा ने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गजरिया के ठाकुर श्यामसुंदर सिंह स्कूल और पट्टी के राम राज इंटर कॉलेज से हाई स्कूल किया। उन्होंने लालगंज के रामअजोर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह इलाहाबाद पहुंचे। जहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीए और पोस्ट ग्रैजुएशन करने के बाद जेआरएफ की पात्रता हासिल की। इसी बीच वैभव बिना कोचिंग की मदद लिए 2008 पीसीएस बैच के टॉपर बने।

कितना पढ़े-लिखे हो इस बयान को लेकर वैभव मिश्रा ने कहा, हम प्रशासन के लोग हैं। हम अपने निर्णयों मे दृढ़ होते हैं और व्यवहार से सहज होते हैं। हमें इन बातों से फर्क नहीं पड़ता है कि किसने क्या कहा। वह पूर्व सीएम हैं। उनका एक प्रोटोकॉल है। हमें मूलरूप से इस बात से लेना-देना है कि नहीं जाने देना है तो नहीं जाने देना है। हमने इसी बात की ट्रेनिंग ले रखी है कि कैसे आचरण करना है, कैसे दृढ़ता दिखानी है। एडीएम सिटी एक पद है, जिसका एक दायित्व है, उसका हम निर्वहन कर रहे हैं। उस पूरी घटना का जिक्र करते हुए एडीएम सिटी वैभव मिश्रा ने बताया, इलाहाबाद जिला प्रशासन की एक रिपोर्ट थी कि वहां शांति व्यवस्था भंग हो जाएगी। उस रिपोर्ट के आधार पर हमें अखिलेश यादव को रोकना था। रोकने के क्रम में जब आपकी गाड़ी आई तो सबसे पहले यह बताया गया कि साहब, हम आपको रोक रहे हैं। उन्होंने कहा कि लिखित आदेश दिखाइए। जो सीआरपीसी है, उसमें मैजिस्ट्रेट के आदेश की बात है, उसमें कहीं यह बात नहीं लिखी गई कि वह लिखित ही दिया जाएगा। आदेश मतलब आदेश, मौखिक और लिखित दोनों हो सकता है।
एडीएम वैभव मिश्रा बताते हैं, अखिलेश यादव ने कहा कि हमें लिखित आदेश चाहिए। रिटेन कॉपी टाइप होने और बनने में टाइम लगता है। ऐसे में मैंने उन्हें कहा कि सर, आप बैठिए मैं आपको लिखित ऑर्डर दे रहा हूं। मैंने उनको सीआरपीसी वाली बात भी बताई। उसके बाद लिखित आदेश दिया गया। इसके बाद वह वापस चले गए।