उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य बच्चों ने ‘हां’ बोल दिया और किडनैपर्स ने कर दी उनकी हत्या..! 25th February 201925th February 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this भोपाल/बांदा, मध्य प्रदेश के चित्रकूट से अगवा हुए 5 साल के जुड़वा बच्चों की हत्या के बारे में जिसने भी सुना, उसका दिल रो पड़ा। बच्चों के शवों को जब परिजनों ने देखा तो वे फूट-फूटकर रोने लगे। बच्चे उसी यूनिफॉर्म में थे, जिसमें उन्होंने 12 फरवरी को तैयार करके स्कूल भेजा था। उनके हाथ-पैर जंजीर से बंधे हुए थे। बच्चों को खोने से बदहवास पिता बार-बार यही कह रहे हैं कि हत्यारों को फांसी पर लटका दिया जाए ताकि वे फिर किसी के बच्चों के साथ ऐसा न कर पाएं। मामले में दोनों राज्यों की पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। बच्चों की तलाश के लिए यूपी और एमपी के 500 जवान लगाए गए थे, लेकिन फिर भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।घटना को अंजाम देने वाले 6 किडनैपर्स को पुलिस ने शनिवार को पकड़ लिया था। आरोपियों में चित्रकूट निवासी पद्म शुक्ला, लकी सिंह तोमर, रोहित द्विवेदी, राजू द्विवेदी, रामकेश यादव, पिंटू उर्फ पिंटा यादव को गिरफ्तार किया गया। इनमें रामकेश यादव दोनों बच्चों को ट्यूइशन पढ़ाता था, जबकि पद्म बजरंग दल के संयोजक का भाई है जबकि बाकी आरोपी बांदा व हमीरपुर के रहने वाले हैं। पद्म और लकी इंजिनियरिंग छात्र हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बाइक और कार का इस्तेमाल किया था। बाइक पर ‘रामराज्य’ लिखा था, जबकि कार पर बीजेपी का झंडा था।रीवा जोन के आईजी चंचल शेखर ने बताया कि किडनैपर्स ने पहले बच्चों के आरोपी लकी के चित्रकूट स्थित किराये के घर पर दो दिन के लिए रखा था। यह किराये का कमरा एक सुनसान जगह पर था और आरोपी खुद को बाहर से बंद रखते थे ताकि किसी को यहां छिपे होने का संदेह न हो। बाद में वे जुड़वा भाइयों को यूपी के बांदा के अटर्रा में एक दूसरे किराये के घर में ले गए थे, जहां उन्होंने हत्या से पहले तक बच्चों को छिपाए रखा था।आईजी ने यह भी बताया कि गैंग के सदस्य काफी होशियार थे। फिरौती मांगने के लिए अपने सेलफोन का इस्तेमाल नहीं करते थे बल्कि अजनबियों और राहगीरों से अर्जेंट कॉल की बात कहकर फोन मांगते थे और तब कॉल करते थे। आईजी ने बताया कि टेक सेवी इंजिनियरिंग स्टूडेंट स्पूफिंग ऐप के जरिए नंबर छिपाते थे। इस तरह वह साइबर पुलिस से एक कदम आगे की योजना बनाकर खुद को बचाने में कामयाब रहे थे। राहगीर बना आरोपियों को पकड़ने का मददगार:आईजी शेखर के अनुसार, जब एक राहगीर को इन मोटरसाइकल सवारों की बातचीत पर शक हुआ तो उसने मोटरसाइकिल की ही तस्वीर उतार ली। पुलिस ने जब फोन पर संपर्क किया तो संबंधित व्यक्ति ने आरोपियों की मोटरसाइकल की तस्वीर उपलब्ध करा दी। इस मोटरसाइकल का नंबर यू.पी. 90 एल. 5707 पाया गया। जब पुलिस ने तहकीकात की तो बाइक रोहित द्विवेदी की निकली। रोहित उत्तर प्रदेश जिले के बबेरु थाना क्षेत्र का निवासी निकला और पुलिस एक-एक कर छह आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही। हालांकि आरोपी तब तक फिरौती के 20 लाख रुपये लेने के बाद दोनों बच्चों को यमुना नदी में फेंक चुके थे। मासूमों की ‘हां’ बनी मौत की वजह : पुलिस के अनुसार, आरोपियों को डर था कि बच्चों ने उन्हें पहचान लिया है और बच्चे राज खोल देंगे, जिससे उनकी गिरफ्तारी तय है। पुलिस ने बताया था कि 20 लाख रुपये मिलने के बाद आरोपी बच्चों को छोड़ने का मन बना रहे थे लेकिन छोड़ने से पहले उन्होंने बच्चों से सवाल किया कि पुलिस पूछेगी तो क्या वह उन्हें पहचान लेंगे। तो इस पर बच्चों ने मासूमियत से हां में जवाब दे दिया और इसलिए आरोपियों ने दोनों बच्चों के पीठ पर पत्थर बांधने के साथ हाथ-पैर भी लोहे की जंजीरों से बांध दिए और नदी में फेंक दिया। आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्होंने विडियो गेम के जरिए बच्चों को कब्जे में रखा और बच्चे उनसे फ्रेंडली भी हो गए थे।बता दें कि यूपी के चित्रकूट धाम (कर्वी) निवासी तेल कारोबारी बृजेश रावत के 5 साल के जुड़वां बच्चों का 12 फरवरी को अपहरण हुआ था। बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश मध्य प्रदेश स्थित सद्गुरु सेवा ट्रस्ट के स्कूल से दोनों को असलहे के दम पर उठा ले गए थे। आरोपियों के पास से फिरौती के 17.67 लाख रुपये, असलहे, बाइक और बोलेरो मिली है। UP – MP पुलिस के 500 जवान मिलकर भी नहीं बचा पाए मासूमों को : पुलिस ने यह भी बताया कि दोनों भाइयों की तलाश में यूपी और एमपी के 24 संयुक्त टीमों के 500 जवान चित्रकूट में उतरे हुए थे। इसमें रीवा रेंज के नए आईडी चंचल शेखर, सतना के एसपी संतोष सिंह गौड़, दो अडिशनल एसपी, 50 एसएचओ और दोनों राज्यों की एसटीएफ यूनिट भी शामिल थीं। हालांकि फिर भी मध्य प्रदेश के इतिहास में बड़ी जांच में से एक मामले में दो मासूमों की जान नहीं बचाई जा सकी। कब क्या-क्या हुआ 12 फरवरी- यूपी के चित्रकूट धाम (कर्वी) निवासी तेल कारोबारी बृजेश रावत के 5 साल के जुड़वां बच्चों श्रेयांश और प्रियांश का अपहरण हुआ। बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश मध्य प्रदेश स्थित सद्गुरु सेवा ट्रस्ट के स्कूल से दोनों को असलहे के दम पर उठा ले गए थे। 13 फरवरी- आरोपियों ने बच्चों के पिता को फिरौती के लिए कॉल की। 12- 14 फरवरी- आरोपियों ने दो दिन तक बच्चों को चित्रकूट में एक आरोपी के घर में रखा। यह जगह अपहरण वाले स्थान से 2 किलोमीटर दूर थी। 15 फरवरी- यूपी के बांदा जिले स्थित एक किराये के घर पर लाकर बच्चों को बंद कर दिया। 19 फरवरी- आरोपियों ने बच्चों की उनके पिता से बात कराई और फिरौती में 20 लाख रुपये लिए। 21 फरवरी- आरोपियों ने बच्चों के हाथ-पैर जंजीर से बांधकर बांदा में यमुना नदी के उगासी घाट पर फेंक दिया था। 23 फरवरी- जुड़वा बच्चों की लाशें बरामद हुईं। सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनसेट में श्रेयांश और प्रियांश ( फाइल फोटो ) Post Views: 127