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IPS खुदकुशी मामलाः सूइसाइड नोट में आत्महत्या के लिए CM सीधे तौर पर जिम्मेदार..!

हाथ की नस काटकर IPS ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा- मेरे इस कदम से ममता बनर्जी का काला दिल बदलेगा..

कोलकाता, पिछले दिनों हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने वाले पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकारी का सूइसाइड नोट सामने आया है। इस खत में दिवंगत अधिकारी ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 1986 बैच के ऑफिसर गौरव दत्त ने सूइसाइड नोट में लिखा है कि उनके इस ऐक्शन के लिए सीएम सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम ने 10 सालों तक उनका मानसिक उत्पीड़न किया है जिससे परेशान होकर उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा है।
गौरतलब है कि बीती 19 फरवरी को पद्मश्री अवार्डी आईपीएस ऑफिसर गोपाल दत्त के बेटे रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी गौरव दत्त ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली थी। अपने सूइसाइड नोट में ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए दत्त ने लिखा कि सीएम ने उन पर चल रहे दो लंबित मामलों को बंद करने से इनकार कर दिया था। इनमें से पहले केस की फाइल राज्य सरकार ने खो दी थी। वहीं दूसरे केस में उन पर भ्रष्टाचार का कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो पाया था।

अधिकारी की पत्नी ने भी लगाया बंगाल सरकार पर आरोप:
दत्त ने लिखा कि डीजी के रिक्वेस्ट करने के बाद भी ममता बनर्जी ने दोनों मामलों को बंद करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसी तंगदिली और ऐसा प्रतिशोधात्मक रवैया किसी भी राष्ट्रीय स्तर के नेता में नहीं होना चाहिए। अपने अंतिम पत्र में आईपीएस अधिकारी ने स्पष्ट किया था कि वह यह सब पूरे होशो-हवास में लिख रहे हैं। दत्त की पत्नी श्रेयांशी ने बताया कि लेटर की हैंडराइटिंग उनके पति की ही है। श्रेयांशी ने बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति की डेथ सरकार की हर तरह की यातना और तिरस्कार के खिलाफ प्रतिरोध है जिसे उन्होंने जीते जी झेला था। उन्होंने कहा कि वह पिछले 10 सालों से काफी परेशान थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका डिप्रेशन इस लेवल पर था कि वह ऐसा कदम उठा सकते हैं।

10 साल से प्रताड़ित कर रही थीं CM
अपने लेटर में दत्त ने ममता बनर्जी पर सिलसिलेवार उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि सीएम ने अपनी ‘राजीतिक दुश्मनी’ निकालने के लिए पिछले 10 सालों से उनका मानसिक उत्पीड़न किया है। राज्य सरकार ने उनकी पेंशन तक रोक दी है। उन्होंने लिखा है कि आत्महत्या के बाद सकार उनके सेविंग्स को रिलीज करने के लिए बाध्य होगी और इससे उनका परिवार सम्मान के साथ सर्वाइव कर पाएगा।

सम्मान से जी नहीं सकते तो सम्मान से मरना बेहतर :
अधिकारियों के साथ सीएम के व्यवहार को लेकर दत्त ने लेटर में लिखा है कि उनके पास अपने पसंदीदा अफसर हैं। उन्होंने कहा है कि बनर्जी में अधिकारियों को इस्तेमाल करने और फिर उन्हें छोड़ देने की ठोस ‘अमानवीय क्वॉलिटी’ है। जो उनके पसंदीदा अधिकारी हैं केवल उन्हें ही बंगला और एसयूवी दी जाती है। लेटर में उन्होंने बताया है कि उन्हें और एक अन्य ऑफिसर को सीएम की चाटुकारिता न करने की वजह से दंडित किया गया था। दत्त ने लिखा कि वह बंगाल में ‘सच्चे’ अधिकारियों की समस्याओं को उजागर करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि अगर सम्मान से जी नहीं सकते तो सम्मान से मर जाना बेहतर है।