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आयुर्वेद के डॉक्टर से गोवा के मुख्यमंत्री तक का सफर

देर रात दो बजे ली शपथ, 10 खास बातें..

गोवा, प्रमोद सांवत ने गोवा में मनोहर पर्रिकर की विरासत संभाल ली है। 46 वर्षीय सावंत गोवा में बीजेपी के अकेले विधायक हैं, जो आरएसएस काडर से हैं। गोवा के सीएम बनने से पहले वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। 2017 में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। वह नेतृत्व के लिए किस तरह से पसंदीदा लीडर थे, इस बात को इससे ही समझा जा सकता है कि जब भी पर्रिकर के विकल्प की बात की गई तो उनका नाम प्रमुखता से सामने आया।
पर्रिकर की बीमारी की खबर के बाद प्रमोद सावंत बीते साल अक्टूबर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत से भी मिले थे। कहा जाता है कि इस दौरान उन्होंने अपनी सीएम दावेदारी की बात की थी। माना जाता है कि पर्रिकर के मातहत ही उन्होंने राजनीति सीखी थी और वह उनकी पसंद भी थे।
सूत्र बताते हैं कि पार्टी के प्रति सावंत की वफादारी उन्हें पर्रिकर के उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करती है।
पार्टी के एक सूत्र ने बताया, सावंत की पार्टी के प्रति वफादारी ऐसी रही है कि उन्होंने अपनी निजी आकांक्षाओं को हमेशा पार्टी से पीछे रखा। इसके अलावा अगले 10 से 15 वर्षों के लिए कोई युवा नेतृत्व तलाशने की बीजेपी की कोशिश भी उनके तौर पर पूरी हुई है। इसके अलावा पर्रिकर की इच्छा भी यही थी कि अगला सीएम बीजेपी विधायकों में से कोई हो तो इसे भी सावंत के जरिए पूरा किया गया है।
सावंत गोवा में बिचोलिम तालुका के एक गांव कोटोंबी के रहने वाले हैं। सावंत का बचपन से आरएसएस से संबंध रहा है। आरएसएस की ओर झुकाव के कारण ही हिंदुत्व की विचारधारा के प्रति उनमें समर्पण आया। उनके पिता पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। वह भारतीय जनसंघ, भारतीय मजदूर संघ के सक्रिय सदस्य थे। बीजेपी के वफादार कार्यकर्ता के तौर पर उनकी पहचान थी।

सावंत का राजनीतिक करियर :

सावंत ने आयुर्वेद औषधि में ग्रैजुएशन के बाद पोस्ट ग्रैजुएशन सामाजिक कार्य में किया। उन्होंने मेडिको-लीगल सिस्टम का भी अध्ययन किया है। उनकी राजनीति में एंट्री साल 2008 में बीजेपी नेतृत्व के आग्रह के बाद हुई। सांकेलिम (अब साखली) सीट खाली हुई थी जिससे उनको चुनाव लड़ने को कहा गया था। उस समय वह मापुसा स्थित उत्तरी जिला अस्पताल में आयुर्वेद के डॉक्टर के तौर पर तैनात थे। बीजेपी नेतृत्व के आग्रह के बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ा। हालांकि उस उपचुनाव में वह हार गए थे लेकिन साल 2012 में विजेता बनकर उभरे। 2017 के चुनाव में एक बार फिर वह साखली से निर्वाचित होकर गोवा विधानसभा में आए। 2017 में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार में उनको विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। गोवा के राजनीतिक इतिहास में वह सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष थे। गोवा के युवा आंदोलन में उनके असाधारण कौशल के कारण उनको राज्य युवा पुरस्कार से नवाजा गया। वह भारतीय युवा जनता मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं।

पर्रिकर की पहली पसंद :
पर्रिकर के बीमार होने के बाद वह गोवा में सीएम पद के मजबूत दावेदार बनकर उभरे। वह स्वर्गीय पर्रिकर की भी पहली पसंद थे। उन्होंने खुद सीएम पद की शपथ लेने से पहले कहा है कि उनको राजनीति में लेकर पर्रिकर ही आए थे। उन्होंने स्पीकर और सीएम बनने का श्रेय भी पर्रिकर को दिया है। पार्टी के प्रति उनकी वफादारी भी उनकी सीएम पद की दावेदारी की एक वजह थी। पार्टी के एक सूत्र ने बताया, सावंत पार्टी के प्रति काफी वफादार थे। वह अपनी किसी भी निजी महत्वाकांक्षा से पहले पार्टी को रखते थे। पार्टी को भी एक कम उम्र के ऐसे नेता की जरूरत थी जो अगले 10-15 सालों तक पार्टी का नेतृत्व कर सके। इसके अलावा पर्रिकर की इच्छा थी कि अगला सीएम कोई भी बीजेपी का विधायक ही हो। इन सब चीजों की वजह से माहौल सावंत के पक्ष में हो गया था।

  • प्रमोद सावंत गोवा के मुख्यमंत्री बन गए हैं. प्रमोद सावंत ने देर रात 2 बजे पद और गोपनीयता की शपथ ली.
  • प्रमोद सावंत के साथ दो डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली. MGP के सुदिन धवलिकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के विजय सरदेसाई डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. इसके अलावा 9 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
  • आपको बता दें कि नए सीएम के तौर पर शपथ लेने वाले प्रमोद सावंत वर्तमान में गोवा विधानसभा के अध्यक्ष भी थे. उन्हें मनोहर पर्रिकर का बेहद करीबी माना जाता है.
  • पेशे से किसान और आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रमोद सावंत की पत्नी सुलक्षणा भी बीजेपी नेता और शिक्षिका हैं. डॉ. प्रमोद सावंत का जन्म 24 अप्रैल 1973 को हुआ.
  • आपको बता दें कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया था. 63 वर्षीय मनोहर पर्रिकर कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे.
  • मनोहर पर्रिकर गोवा में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें भाजपा के साथ गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल थे.
  • कांग्रेस ने मनोहर पर्रिकर के निधन से पहले और मृत्यु की खबर आते ही राज्य में सरकार बनाने का दावा ठोक दिया था. कांग्रेस विधायक राज्यपाल से मिले. वे सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा कर रहे थे.
  • मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में सियासी उठापटक शुरू हो गई. इसके बाद प्रमोद सावंत का नाम उभरकर सामने आया. हालांकि प्रमोद सावंत के नाम पर शुरू में सहयोगी दल तैयार नहीं थे. उन्होंने जबरदस्त सौदेबाजी की.
  • प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसे निभाने की मेरी पूरी कोशिश रहेगी. मैं जो भी कुछ हूं मनोहर पर्रिकर की वजह से ही हूं.
  • सीएम पद की शपथ लेने के बाद सावंत ने कहा कि अब मेरी जिम्मेदारी है कि सहयोगी दलों को साथ लेकर आगे बढ़ूं और अधूरे कार्यों को पूरा करूं. इसके लिए हरसंभव प्रयास करूंगा.