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पुलवामा में CRPF के बलिदान को न भूले हैं और न भूलेंगे: अजित डोभाल

गुरुग्राम, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 80वें स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। डोभाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लिए पुलवामा हमले में शहीद होने वाले जवानों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि देश इसे भूला नहीं है और कभी भूलेगा भी नहीं।
डोभाल ने गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में सीआरपीएफ के योगदान को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, आंतरिक सुरक्षा का बहुत महत्व है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 37 देश ऐसे थे, जो टूट गए या फिर अपनी संप्रभुता खो बैठे। इनमें से 28 का कारण आंतरिक संघर्ष था। देश अगर कमजोर होते हैं तो उसका कारण कहीं न कहीं आंतरिक सुरक्षा की कमी होती है। इसका दायित्व सीआरपीएफ पर है तो आप समझ सकते हैं कि कितनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आपको मिली है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत विभाजन के दौरान सीआरपीएफ के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि शायद लोग भूल गए हैं कि भारत-पाक विभाजन के दौरान बेहद कम संख्या थी, लेकिन सीआरपीएफ ने जो भूमिका अदा की थी उस पर किताब लिखी जा सकती है।
मेरी भी इस यूनिफॉर्म के साथ लंबा जुड़ाव :
डोभाल बोले, ‘मेरा भी इस यूनिफॉर्म के साथ और भारत की सुरक्षा से 51 साल से जुड़ाव है। इनमें से 37 साल मैं भी पुलिस का हिस्सा रहा। मुझे सेना और पुलिस के साथ काम करने का मौका मिला। लेकिन, आप के बल की कुछ विशेषताएं हैं। यही एक बल है, जिसमें इतनी विविधता है। वीआईपी सिक्यॉरिटी, आतंकवाद, कठिन क्षेत्रों में ड्यूटी और नॉर्थ-ईस्ट की चुनौतियों समेत जहां भी जरूरत पड़ी, वहां सीआरपीएफ ने अहम योगदान दिया।’