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छिपकर रह रहा संदिग्ध बांग्लादेशी गिरफ्तार, बिहार और पुणे ATS की संयुक्त कार्रवाई

पुणे शहर के चाकण इलाके से एक संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकी को गुरुवार देर शाम गिरफ्तार किया गया। पुणे और बिहार एटीएस की संयुक्त कार्रवाई के बाद गिरफ्तार संदिग्ध शरीयत मंडल नामक शख्स को पुणे की सत्र न्यायालय में पेश किया गया। यहां से ट्रांजिट रिमांड हासिल कर बिहार एटीएस उसे लेकर पटना रवाना हो गई। संदिग्ध चाकण में छिपकर रह रहा था।

चाकण से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध का कनेक्शन बिहार एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए उन दो आतंकियों के साथ है, जिनके पास पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती से संबंधित आदेशों की फोटोकॉपी मिली थी। जांच में सामने आया है कि यह प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन आईएसबी (इस्लामिक स्टेट ऑफ बांग्लादेश) से जुड़ा था और उसके लिए नए सदस्यों की रिक्रूटमेंट करने की प्रक्रिया में शामिल था।
ज्ञात हो कि पुलवामा हमले के बाद बिहार एटीएस ने बांग्लादेश के झेनुडा जिले के महेशपुर थाना अंतर्गत चापातल्ला गांव निवासी खैरुल मंडल और अबू सुल्तान को गिरफ्तार किया था। उनके पास से सुरक्षा बलों की तैनाती से संबंधित आदेशों की फोटोकॉपी बरामद हुई थी। ये दोनों बांग्लादेशी युवक, प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश के सक्रिय सदस्य थे। इन दोनों ने बिना किसी वैध दस्तावेज के भारतीय सीमा में प्रवेश किया था और अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी भारतीय मतदाता प्रमाण पत्र बनवा रखा था।
बताया जा रहा है कि दोनों संदिग्ध भारत में रहकर जमीयत-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के निर्देश पर कोलकाता, केरल, दिल्ली एवं बिहार के पटना एवं गया शहर में घूम घूमकर अपने संगठन से अन्य मुस्लिम युवकों को जोड़ने एवं बौद्ध धार्मिक स्थलों पर आतंकी घटना करने के लिए रेकी करने का काम कर रहे थे। इस काम के लिए वे गया में 11 दिनों तक रहे थे। ये दोनों बांग्लादेशी युवक सीरिया जाकर आईएसआईएस के साथ मिलकर जेहाद में शामिल होना चाहते थे। बिहार एटीएस ने इनके पास से आईएसआईएस और अन्य आतंकी संगठनों के पोस्टर एवं पम्पलेट, दो फर्जी भारतीय मतदाता पहचान पत्र, एक फर्जी पैन कार्ड, तीन मोबाइल फोन और एक मेमोरी कार्ड जब्त किया था।