महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य पश्चिम रेलवे ने कबाड़ को बेचकर कमाए 537 करोड़ रुपये 31st March 201931st March 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, स्टेशनों और यार्ड में पड़े भंगार, लोहे के स्क्रैप और कबाड़ को देखकर आपको लगता होगा कि इन सड़ी हुई चीजों को रेलवे कबाड़ वाले को क्यों नहीं देती है। वैसे, रेलवे इस स्क्रैप, भंगार को कबाड़ वाले को ही बेचती है, लेकिन इसे खरीदने के लिए बाकायदा बोलियां लगती हैं। इन बोलियों से इस बार सबसे ज्यादा पैसे पश्चिम रेलवे ने कमाए हैं।पश्चिम रेलवे ने कबाड़ को बेचकर 537 करोड़ रुपये कमाए हैं। जीरो स्क्रैप मिशन के तहत इस उपलब्धि को हासिल करते हुए पश्चिम रेलवे ने उत्तर रेलवे के 403 करोड़ रुपये (2011-12) का कीर्तिमान तोड़ा है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंद्र भाकर के अनुसार, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ए.के. गुप्ता और प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक जे.पी. पाण्डेय के निर्देशन में पश्चिम रेलवे की सामग्री प्रबंधन टीम ने मिशन जीरो स्क्रैप के अंतर्गत पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार में स्क्रैप आइडेंटिफिकेशन, मोबिलाइजेशन और विभिन्न रेलवे परिसरों में पड़े हुए स्क्रैप की बिक्री के लिए अभियान चलाया था। इसके लिए उच्चस्तरीय टास्क फोर्स कमिटी बनाई गई। नियमित बैठकों का आयोजन, निरीक्षण और स्क्रैप डिस्पोजल के लिए अभिनव तरीकों का प्रयोग किया गया। मार्च, 2019 में सर्वे के दौरान रेल मंत्रालय के रेलवे स्टोर्स के महानिदेशक वी.पी. पाठक ने प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक तथा अन्य भंडार विभाग के अधिकारियों सहित सभी ऑक्शन कंडक्टिंग ऑफिसरों के साथ ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्रों को आयोजित किया और पश्चिम रेलवे पर जीरो स्क्रैप के लक्ष्य को पाने के लिए योजना बनाने की सलाह दी। रविंद्र भाकर (मुख्य जनसंपर्क अधिकारी-पश्चिम रेलवे) Post Views: 121