उत्तर प्रदेशचुनावी हलचलदिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य तेज बहादुर बोले- वाराणसी से चुनाव न लड़ने को BJP ने दिया था 50 करोड़ का ऑफर 2nd May 20192nd May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this वाराणसी, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने गुरुवार को वाराणसी में बीजेपी पर सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों ने वाराणसी से चुनाव न लड़ने के लिए उन्हें 50 करोड़ का ऑफर दिया और दबाव भी बनाया था। वाराणसी संसदीय सीट से एसपी-बीएसपी गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में पर्चा खारिज होने के बाद तेज बहादुर गुरुवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने बताया कि पहले निर्दल प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने के बाद जब घर गए पहुंचे तो वहां आए बीजेपी के लोगों ने 50 करोड़ का ऑफर दिया था। ऑफर देने वालों का नाम उन्होंने बताने से इनकार करते हुए कहा कि वे शातिर लोग हैं। नाम खोलने पर उनकी हत्या कराई जा सकती है। नामांकन खारिज होने पर कहा कि पहले से ही आशंका थी कि पर्चा खारिज कराने के लिए बीजेपी सारे हथकंडे अपनाएगी। इसलिए ही मेरे साथ शालिनी यादव ने गठबंधन प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था। तेज बहादुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ही मुझे बर्खास्त कराया है। मेरे बेटे की हत्या की जाती है और उसकी जांच तक नहीं होती है। बेटे की मौत के समय ही पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की प्रतिज्ञा की थी। नामांकन खारिज हो जाने के बाद भी वह समाजवादी पार्टी उम्मीदवार शालिनी यादव के समर्थन में पीएम मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे। नकली चौकीदार के खिलाफ असली चौकीदार की लड़ाई जारी रहेगी। गठबंधन की प्रत्याशी शालिनी ने बांधी राखी गठबंधन की प्रत्याशी शालिनी यादव ने गुरुवार को तेज बाहदुर को राखी बांध अपनी जीत का आशीर्वाद मांगा। तेज बहादुर ने कहा कि वह पांच भाई हैं, लेकिन बहन नहीं थी। शालिनी के रूप में उन्हें बहन मिल गई है। तेज ने बोला कि बहन की जीत के लिए अपनी जान दांव पर लगा दूंगा। तेज बहादुर के बयान से साफ हो गया है कि अब शालिनी यादव व तेज बहादुर मिल कर चुनाव प्रचार करेंगे। उधर, शालिनी यादव ने राखी बांधने के बाद कहा कि आज का दिन मेरे लिए बड़े सौभाग्य का है। यह रिश्ता राजनीति से परे आजीवन रहेगा। बता दें कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में बीएसएफ से बर्खास्तगी की दो अलग-अलग जानकारी सामने आई थी। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर जवाब देने को कहा गया था। तेज बहादुर से नोटिस में कहा गया था कि वह बीएसएफ से एनओसी लेकर आएं, जिसमें यह साफ किया गया हो कि उन्हें किस वजह से नौकरी से बर्खास्त किया गया था। नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। Post Views: 125