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Live : आंधी पानी से प्रियंका गांधी का मंच गिरा, देर से मंच पर पहुंचीं प्रियंका

PM मोदी पर साधा निशाना, कहा-यह मजबूत नहीं मगरूर सरकार

गोरखपुर, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की देवरिया के सलेमपुर में सभा से पहले आंधी पानी से अफरा-तफरी मच गई। आंधी-पानी के कारण प्रियंका का मंच ढ़ह गया और सभा के लिए लगाई गईं कुर्सियां तहस-नहस हो गईं। प्रियंका को सलेमपुर के बापू इंटर कालेज के मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी डा. राजेश कुमार मिश्र के पक्ष में जनसभा को संबोधित करना था।

आंधी-पानी रुका, सभा की फ‍िर से तैयारी शुरू
दोपहर करीब दो बजे आंधी-पानी बंद हो गया। आंधी पानी बंद होते की मंच को ठीक करने और कुर्सियों का लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। नेताओं का कहना है प्रियंका गांधी आएंगी और सभा होगी। सभा स्‍थल पर लोग प्रियंका गांधी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। निर्धारित समय से दो घंटे दस मिनट विलंब से पहुंची प्रियंका।

मंच पर पहुंचीं प्रियंका , लोगों का आभार जताया
प्रियंका गांधी ने कहा कि आपने इतना लंबा इंतजार किया। मैंने सुना कि मंच ढह गया, फिर भी आप टिके रहे मेरी बातों को सुनने के लिए। इसके लिए मैं आपकी आभारी हूं।

यहां आकर बहुत गर्व और खुशी हो रही है
यह बाबा देवरहा बाबा धरती है। मेरी दादी इंदिरा गांधी उनका बहुत आदर करती थीं। यहां आकर मुझे बहुत खुशी हुई। बाबा देवरहा बाबा ने हमेशा प्रेम का संदेश दिया है। आज नेता अहंकारी बन गया है। जनता उसे सच्‍चाई दिखा रही है। जब यहां का उम्मीदवार तय करना था तो मैंने बात की। राजेश मिश्रा को चुनने के पीछे कारण है कि यह आपके बीच के हैं। इन्होंने काम कर दिखाया है।

पीएम पर साधा निशाना
जब मैं वाराणसी पहुंची तो हमें लगा कि यहां बहुत विकास हुआ होगा। मैंने अपने पिता का क्षेत्र अमेठी देखा था। मैं उस समय दस साल की थी। मैंने पांच साल में अमेठी में जो बदलाव देखा उस तरह का विकास आज तक नहीं देखा। उस समय वह प्रधानमंत्री थे देश में भी कांग्रेस की सरकार थी और प्रदेश में मेरी सरकार थी। उस तरह का विकास वाराणसी में नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने पंद्रह किमी सड़क बनाई है जो हवाई अड्डे तक जाती है। मैंने पूछा तो पता चला कि इसके आगे गडढ़े ही गड़ढे हैं। मैंने पूछा कि प्रधानमंत्री क्षेत्र में आते तो हैं लेकिन सिर्फ बड़ी-बड़ी मीटिंग के लिए आते हैं जिससे प्रचार-प्रसार होता है। मीटिंग कर चले जाते हैं। आज तक एक भी गरीब व किसान परिवार में नहीं गए।

किसानों को भूल गए पीएम मोदी
प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी ने वाराणसी में एक बार भी लोगों से हालचाल नहीं पूछा। हम अमेठी गांव में जाते हैं वहां पता चलता है कि हमारे पिताजी उस गांव में जा चुके हैं। हमारी बात में गहराई है। प्रधानमंत्री समझते हैं कि उनकी मजबूती उनकी सत्ता है। वह भूल गए हैं कि यह सत्ता देने वाला कौन था। पांच साल में जिस प्रधानमंत्री को जनता से मिलने से फुर्सत नहीं है, वह जनता का क्या भला करेगा। आपने उनको चीन में देखा होगा, जापान में देखा होगा, पाकिस्तान में बिरयानी खाते देखा होगा। कभी भी आपने यह नहीं देखा होगा कि प्रधानमंत्री ने किसी गरीब के घर गए होंगे जो मुसीबत है। वह सत्ता के मोह व माया मे हैं। जनता से उनका संबंध टूट चुका है। यदि आपने 56 इंच का सीना ताना है तो किसानों की यह स्थिति क्यों है। आज किसान पीड़ित है। किसान कहता है कि वह दिन-रात खेतों में जाते हैं, लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है।

बीमा के पैसे उद्योपतियों को दिए
ग्यारह हजार किसानों ने पांच साल में आत्महत्या की। उनके पास इसका जवाब नहीं है। प्रधानमंत्री अपने आलीशान बंगले से निकले तक नहीं। बड़े-बडे़ उद्योगपतियों के कर्ज जिस तरह से माफ किए उस तरह से किसानों के कर्ज क्यों नहीं माफ नहीं किए। बीमा के पैसे उद्योगपतियों के जेब में गए हैं। देश भर से एकत्र पैसे उद्योगपतियों और बीमा कंपनियों की जेब में जा रहे हैं। राहुल गांधी ने जब कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो किसानों के कर्ज माफ करेंगे तो उनका मजाक उड़ाया गया। पांच सालों में उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर दिए। जब किसानों की कर्जमाफी की बात आई तो कांग्रेस का मजाक उड़ाने लगे। आज सुगर मिल बंद हो चुके हैं। बेरोजगारी हुुई है। इन समस्याओं के समाधान आपके मजबूत प्रधानमंत्री ने नहीं किया। ये कहते हैं कि सत्तर सालों में ये नहीं किया वह नहीं किया, लेकिन पांच सालों में इन्होंंने क्या किया ? इन्होंने कहा था कि पंद्रह लाख रुपये खाते में आएंगे लेकिन नहीं आए। ये झूठी सरकार है। मजबूत सरकार बनवाइए। इन्हाेंने सात करोड़ रोजगार घटा दिए। बैंक में कतार में खड़े हुए। आपने देशभक्ति दिखाई, लेकिन काला धन देश में वापस नहीं आया।

मजबूत नहीं मगरूर सरकार
प्रियंका ने कहा कि राहुल गांधी ने किसानों के लिए आंदोलन किया। देश में स्वास्थ्य की सुविधाएं बेहाल हो चुकी हैं। देवरिया का जिला अस्पताल दलालों के जरिए चलाया जाता है। दवाएं बाहर से आती हैं। बच्चे आक्सीजन की कमी की वजह से मर गए। आपको अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं मिल रही है। यदि इतनी मजबूत सरकार थी तो कम से कम बच्चों को बता सकती थी। कम से कम जनता की बात सुन तो लेते। यह मजबूत सरकार नहीं यह मगरूर सरकार है। इनके भाषणों, इनके व्यवहार में अहंकार है। जिस तरह से ये बातें करते हैं। इससे साफ है कि ये सत्ता के लिए हैं। आपके ऊपर आज बड़ी जिम्मेदारी है। आप अपना वोट डालकर एक हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका सही इस्तेमाल कीजिए तब आपको मजबूत सरकार मिलेगी।