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मंत्री को ब्लैकमेल करने के केस में राष्ट्रकवि दिनकर की नातिन गिरफ्तार

नोएडा, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को ब्लैकमेल कर 10 करोड़ रुपए की रंगदारी वसूलने का प्रयास करने के मामले में शुक्रवार को थाना सेक्टर 20 पुलिस ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की नातिन उषा ठाकुर को गिरफ्तार किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि 22 अप्रैल को सेक्टर 27 स्थित केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा के अस्पताल में आलोक, कुमारी निशु, निशा और उषा ठाकुर पहुंचे थे। इन लोगों ने डॉ, शर्मा की रिकॉर्ड की गई ऑडियो और विडियो के आधार पर 10 करोड़ रुपए की मांग की थी।
एसएसपी ने बताया कि 22 अप्रैल को पुलिस ने निशु को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि एक निजी चैनल के संपादक आलोक और उसकी सहयोगी निशा मौके से फरार हो गए थे। उन्होंने बताया कि दो मई को थाना सेक्टर 20 पुलिस ने आलोक और निशा को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया। उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लाकर जिला न्यायालय में पेश किया गया।
उन्होंने बताया कि आलोक और निशा को चार दिन की पुलिस हिरासत पर लेकर पूछताछ की गई तो, उन्होंने बताया कि ब्लैकमेलिंग कांड में नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाली उषा ठाकुर भी संलिप्त हैं। एसएसपी ने बताया कि इस मामले की जांच कर रही थाना सेक्टर 20 पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर शुक्रवार को उषा ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि जिस दिन केंद्रीय मंत्री से ब्लैकमेल करके रकम वसूलने आई युवती की गिरफ्तारी हुई थी, उस दिन समाजसेविका और राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की नातिन उषा ठाकुर भी उनके साथ आई थीं। पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की थी। लेकिन केंद्रीय मंत्री डॉ. शर्मा ने अपने 30 वर्षों के रिश्ते का हवाला देते हुए उन्हें अपनी बड़ी बहन बताया था। उसके बाद पुलिस ने उषा ठाकुर को छोड़ दिया था। पुलिस ने जब इस कांड के मुख्य साजिशकर्ता, चैनल के संपादक आलोक को गिरफ्तार कर गहनता से पूछताछ की तो पुलिस को पता चला कि इस कांड में उषा ठाकुर की भी अहम भूमिका है।
उन्होंने बताया कि इस घटना में शामिल एक पूर्व पुलिस उपाधीक्षक की भी भूमिका की भी जांच की जा रही है। उषा ठाकुर नोएडा की एक प्रसिद्ध समाजसेविका है। चाहे वह निठारी नर कंकाल कांड हो या आरुषि कांड इन सभी घटनाओं में उषा ठाकुर चर्चाओं में रही हैं। उषा ठाकुर नोएडा लोक मंच से भी जुड़ी हुई हैं। उक्त सामाजिक संगठन में डॉ. शर्मा भी सक्रिय हैं। उषा ठाकुर और केंद्रीय मंत्री का करीब 30 वर्षों पुराना संबंध है। उषा ठाकुर के माध्यम से ही चैनल का मालिक आलोक केंद्रीय मंत्री से मिला था और लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी प्रचार प्रसार में सहायता करने की पेशकश की थी। मंत्री से हुई बातचीत को उसने खुफिया कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया। उसके आधार पर वह मंत्री को ब्लैकमेल करके उनसे मोटी रकम मांग रहा था।