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SC ने खारिज की 100 फीसदी VVPAT मिलान की मांग

EVM की शिकायत ले आज चुनाव आयोग से मिलेंगे विपक्षी दल

नयी दिल्ली, नतीजे आने से पहले ही अपनी चुनावी संभावनाओं को लेकर आशंकित विपक्ष को ईवीएम के मुद्दे पर दोहरा झटका लगा है। वीवीपैट के ईवीएम से100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका को ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यही नहीं शीर्ष अदालत ने याचियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी अर्जियों को बार-बार नहीं सुना जा सकता। इस बीच विपक्ष मंगलवार को ही ईवीएम को लेकर बैठक करने वाला है। विपक्षी दलों ने साथ मिलकर चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत करने का भी फैसला लिया है। यही नहीं चुनाव आयोग ने यूपी के 4 मामलों में विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि ईवीएम सेफ है और वे विश्वास बनाए रखें।
टेक्नोक्रैट्स के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि वेरिफिकेशन के लिए सभी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि यह मेरिट के मुताबिक नहीं है। इस बीच चुनाव आयोग ने यूपी के 4 जिलों में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों को खारिज किया है।
आयोग ने कहा कि सभी मामलों में ईवीएम और वीवीपैट को पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने अच्छे से सील किया गया था और विडियोग्रफी की गई थी। सभी आरोप आधारहीन हैं। यही नहीं आयोग ने विपक्ष की ओर से गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी सीटों पर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर शिकायत की गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बयान जारी कर सभी राजनीतिक दलों से कहा कि है कि वे भरोसा रखें, ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस बीच बीजेपी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा है कि वह हार के डर से ईवीएम का बहाना बना रहा है।
SC ने कहा, सिर्फ चर्चा और अशांति का हथियार है यह PIL
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा, ‘इस तरह की याचिकाओं को हम बार-बार एंटरटेन नहीं करेंगे। हम लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों के निर्वाचन के तरीके के बीच में नहीं आ सकते। यही नहीं शीर्ष अदालत ने इस याचिका सिर्फ उपद्रव और चर्चा का हथियार करार दिया।

महबूबा बोलीं, ईवीएम से छेड़छाड़ होगा एक और बालाकोट
इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी ईवीएम को लेकर आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ एक और बालाकोट जैसा है। यही नहीं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ की नहीं बल्कि अदला-बदली की आशंका है।