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मुलायम और अखिलेश को CBI से 12 साल बाद मिला क्लीनचिट

नयी दिल्ली, आय से अधिक संपत्ति मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव को सीबीआई ने क्लीनचिट दे दी है। जांच एजेंसी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने 7 अगस्त 2013 को मामले की जांच बंद कर दी थी। उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा सके।
बता दें कि अप्रैल में वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें जांच की प्रगति के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा था। शीर्ष अदालत ने 2007 में केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामले की अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में की जाएगी।
मुलायम – अखिलेश पर क्या थे आरोप?
2005 में विश्वनाथ चतुर्वेदी ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुलायम, उनके बेटे अखिलेश, बहू डिंपल यादव और छोटे बेटे प्रतीक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि मुलायम ने 1999 से 2005 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जुटाई थी। इस साल फरवरी में चतुर्वेदी ने याचिका दायर कर कहा कि CBI ने प्रारंभिक जांच में जरूरत से ज्यादा समय लगा दिया।