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श्रीलंका पहुंचे PM मोदी, ईस्टर धमाकों में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

कोलंबो, लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले विदेश दौरे के दूसरे चरण में रविवार को श्रीलंका पहुँच चुके हैं। कोलंबो के भंडारनायके इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पीएम मोदी का स्वागत किया। अप्रैल के ईस्टर धमाकों के बाद पीएम मोदी श्रीलंका पहुंचने वाले पहले विदेशी नेता हैं।
अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना, प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे और विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे से बातचीत करेंगे। श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी- द तमिल नैशनल अलायंस का प्रतिनिधिमंडल भी पीएम मोदी से मुलाकात कर सकता है।
अप्रैल में ईस्टर पर आत्मघाती सीरियल धमाकों के बाद पीएम मोदी के इस दौरे को श्रीलंका के प्रति एकजुटता जाहिर करने के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। 21 अप्रैल को इस्लामिक स्टेट के आतंकियों द्वारा श्रीलंका के अलग-अलग शहरों में आत्मघाती सीरियल ब्लास्टों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। ऐसे में द्विपक्षीय बातचीत में आतंकवाद से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं कि मालदीव और श्रीलंका की उनकी यात्रा दिखाती है कि भारत के लिए ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति कितनी महत्वपूर्ण है। पीएम ने कहा था कि इससे दोनों देशों के साथ हमारे रिश्तें मजबूत होंगे। पीएम मोदी ने इस बार अपने शपथग्रहण समारोह में भी बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को बुलाया था, जिसमें श्रीलंका और मालदीव भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की यात्रा के बाद श्रीलंका पहुंचे हैं। मालदीव में उन्होंने शनिवार को तमाम मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के साथ बातचीत की थी।
पीएम मोदी के मालदीव दौरे के दरम्यान दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर 6 समझौते पर दस्तखत किए। पीएम मोदी और सोलिह ने तटीय निगरानी रेडार प्रणाली और मालदीव के सुरक्षा बलों के लिए एक कंपोजिट ट्रेनिंग सेंटर का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया था।

PM मोदी को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
मालदीव यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव का सर्वोच्च सम्मान ‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ भी मिला। उन्होंने मालदीव की संसद ‘मजलिस’ को भी संबोधित किया, जो पड़ोसियों में भारत की अहमियत को दर्शाता है। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भारत और मालदीव ने केरला के कोच्चि से मालदीव तक फेरी सर्विस शुरू करने पर भी सहमति जताई।