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विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र

हाथ में बैनर-पोस्टर लेकर कांग्रेसी विधायकों ने किया विखे पाटिल का विरोध

मुंबई, (राजेश जायसवाल) : महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ। इस दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा कोटे से मंत्री बने शिर्डी के विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल के खिलाफ विधायकों ने जमकर प्रदर्शन किया। ‘आया राम, गया राम’ और ‘जय श्री राम’ के बैनर-पोस्टर हाथ में लेकर उनके खिलाफ विधानसभा के बाहर जमकर नारेबाजी की गई।
बता दें कि विखे पाटिल समेत 13 नए मंत्री रविवार को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। यह सत्र 17 जून से दो जुलाई तक चलेगा। तीन सप्ताह तक चलने वाले इस सत्र में केवल 12 दिन तक ही सदन की कार्यवाही चलेगी। इन 12 दिनों में विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी की है। वहीं सरकार ने सत्र से एक दिन पहले रविवार को 13 नए मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में शामिल किया है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम सत्र है। इस बार कुल 28 विधेयकों पर चर्चा की जाएगी।
मानसून सत्र के दूसरे दिन 18 जून को ही दोनों सदनों में वर्ष 2019-20 का बजट रखा जाएगा। विधानसभा चुनावों को देखते हुए फडणवीस सरकार किसानों और आम लोगों के लिए कुछ लुभाने वाली घोषणाएं कर सकती है। पिछले बजट सत्र में लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने अंतरिम बजट ही पेश किया था।

महाराष्ट्र विधानसभा मानसून सत्र के प्रथम दिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे को शुभेच्छा देते हुए।

इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
विपक्ष मानसूत्र सत्र शुरू होते ही राज्य की कानून-व्यवस्था, दसवीं की परीक्षा फल का प्रतिशत घटने, सूखे की मार झेल रहे किसानों की समस्या, मंत्रियों पर लगे अनगिनत भ्रष्टाचार के आरोपों, मुख्यमंत्री की ओर से किए गए मेगा भर्ती के वादे और अरब सागर में बनाए जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज और दादर में डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर स्मारक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

विपक्ष के निशाने पर रहेंगे ये नेता
इसके अलावा विपक्ष जयकुमार रावल, सुभाष देखमुख, पंकजा मुंडे, विनोद तावडे, प्रकाश मेहता समेत कई अन्य मंत्रियों का इस्तीफा भी मांगने पर अड़ सकता है।