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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के आतंकी फंडिंग नेटवर्क से जुड़े UP के तार…

यूपी के नौ संदिग्ध ATS के निशाने पर

सांकेतिक तस्वीर

मुंबई, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की आतंकी फंडिंग के नेटवर्क से जुड़े यूपी के नौ संदिग्ध युवक आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के निशाने पर हैं। करीब दो साल पहले पकड़े गए आईएसआई एजेंट आफताब व मुंबई के हवाला कारोबारी जावेद की गिरफ्तारी के बाद सामने आये तथ्यों के आधार पर एटीएस इस नेटवर्क से जुड़े संदिग्धों के बारे में छानबीन करती चली आ रही है। इसी कड़ी में भुज निवासी दो भाइयों की भूमिका भी सामने आई थी, जिनसे एटीएस ने लंबी पूछताछ की है। अब उसकी नजर यूपी के नौ संदिग्धों पर है। इनमें से कुछ पर जल्द कार्रवाई के संकेत भी हैं।
हनीट्रैप का शिकार झांसी व महाराष्ट्र में तैनात जिन दो सैन्यकर्मियों पर कार्रवाई की गई है, उनके खातों में हवाला कारोबारियों के जरिये ही रकम मुहैया कराई गई थी। यह रकम भुज के कुछ खातों से किस्तों में आरोपित सैन्यकर्मियों के खातों में जमा कराई गई थी। दरअसल, आतंकी फंडिंग के इस नेटवर्क से कई कड़ियां जुडी हैं। एटीएस ने मई 2017 में फैजाबाद से आइएसआइ एजेंट आफताब व मुंबई से अल्ताफ कुरैशी को पकड़ा था। अल्ताफ के फ्लैट से 70 लाख रुपये भी बरामद हुए थे। इसके अगले दिन मुंबई में हवाला कारोबारी जावेद पकड़ा गया था। तब सामने आया था कि आफताब ने पाकिस्तान जाकर आइएसआइ से जासूसी की ट्रेनिंग ली थी और जावेद पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के सीधे संपर्क में था।
सूत्रों का कहना है कि तब जावेद व आफताब के मोबाइल से पाकिस्तानी हैंडलर के कई मैसेज मिले थे, जिनके आधार पर खुफिया एजेंसियों ने पड़ताल तेज की थी। जांच में सामने आया कि आतंकी फंडिंग की चेन में शामिल युवकों को कमीशन देकर उनके जरिये नकद रकम भी एजेंटों तक पहुंचाई जाती रही है। एटीएस की छानबीन में सामने आए तथ्यों के आधार पर कुछ संदिग्धों की पड़ताल तेज कर दी गई है। एटीएस ने मार्च 2018 में भी आतंकी फंडिंग नेटवर्क का पर्दाफाश कर 10 आरोपितों को यूपी व मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था।