उत्तर प्रदेशदिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य सुप्रीम कोर्ट का सराहनीय कदम, हिंदी सहित 6 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी फैसले की कॉपी 3rd July 20193rd July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this supreme court of india नयी दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी और 6 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले अभी तक अंग्रेजी भाषा में ही अपलोड किए जाते रहे हैं। अब उन्हें हिंदी में भी अनुवाद कर वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही कन्नड़, असमिया, उड़िया और तेलगू जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में भी फैसला आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड होगा। इस महीने के आखिरी में हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में सर्वोच्च अदालत के फैसले अपलोड होंगे। लंबे समय से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले हिंदी में उपलब्ध कराए जाने की मांग की जाती रही है। सूत्रों का कहना है कि फैसलों का हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तैयारी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर अभी सिर्फ अंग्रेजी भाषा में फैसला उपलब्ध होता है। महीने के आखिर तक हिंदी सहित छह भाषाओं में फैसला वेबसाइट पर उपलब्ध होंगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए चीफ जस्टिस ने सॉफ्टवेयर को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट की इन हाउस इलेक्ट्रॉनिक सॉफ्टवेयर विंग इसके लिए काम कर रही है। शुरुआत में सिविल केस से जुड़े फैसले उपलब्ध कराए जाएंगे बता दें कि 2017 में कोच्चि में एक कॉन्फ्रेंस हुआ था तब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बात पर बल दिया था कि फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में भी होने चाहिए। हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में फैसले उपलब्ध होने से अंग्रेजी नहीं समझनेवाले लोगों को फायदा। शुरुआत में सिविल मैटर जिनमें 2 लोगों के बीच विवाद हो, क्रिमिनल मैटर, मकान मालिक और किरायेदार का मामला और वैवाहिक विवाद से संबंधित मामले के फैसले को क्षेत्रीय भाषाओं में अपलोड किया जाएगा। अभी हिंदी, तेलगू, असमी, कन्नड़, मराठी और उड़िया भाषाओं में जजमेंट उपलब्ध कराया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हिंदी और 6 क्षेत्रीय भाषा में अपलोड करने की मांग काफी समय से चल रही थी। सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में 500 पेज और बहुत विस्तृत फैसलों का संक्षिप्त सार ही अपलोड किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अंग्रेजी जाननेवालों की सीमित संख्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है।हालांकि, हिंदी समेत क्षेत्रीय भाषाओं में फैसला उपलब्ध होना आम लोगों के लिए राहत की बात है। अब भाषाई मुश्किल के कारण फैसला नहीं पढ़ पाने वाले आम लोग भी अपनी भाषा में महत्वपूर्ण फैसले पढ़ सकेंगे। Post Views: 186