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..तो अब बनारस में भी गूगल पर जान सकेंगे टॉयलेट का लोकेशन

वाराणसी (अमन जायसवाल) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस प्रदेश का पहला शहर बनने जा रहा है जहां गूगल पर एक क्लिक पर आप शहर के शौचालयों की लोकेशन जान सकेंगे। गूगल पर टॉयलेट व यूरिनल की मैपिंग करायी जा रही है। इसके बाद रेस्टोरेंट व होटलों की तरह टॉयलेट की भी लोकेशन जानी जा सकेगी। नगर निगम ने 235 शौचालयों व यूरनिल को ऑनलाइन कर दिया है जबकि निर्माणाधीन 27 टॉयलेट को ऑनलाइन करने की तैयारी है। शौचालय के इस्तेमाल के बाद यूजर गूगल पर ही व्यवस्था व सफाई का फीडबैक भी दे सकते हैं। अब तक यह व्यवस्था दिल्ली, मुंबई , भोपाल और इंदौर जैसे महानगरों में है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम ने नगरीय सीमा में 361 शौचालय व यूरिनल का निर्माण कराया है। क्यूसीआई ने जांच के बाद सितम्बर में शहर को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है। अब भारत सरकार की ओर से आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के तहत ओडीएफ शहरों को ओडीएफ प्लस व ओडीएफ डबल प्लस का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलग-अलग पैरामीटर निर्धारित हैं।

ओडीएफ प्लस के लिए शहर को लक्ष्य के अनुरूप शौचालयों के निर्माण के साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने का निर्देश है। टॉयलेट व यूरनिल की सफाई और फीडबैक की भी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। ऑनलाइन व्यवस्था पर सर्वेक्षण में 150 अंक निर्धारित हैं। प्रदेश का सबसे स्वच्छ शहर होने का तमगा प्राप्त कर चुका बनारस शहर अब ओडीएफ प्लस की तैयारी में जुट गया है। इसके तहत पहले चरण में 235 टॉयलेट व यूरनिल को गूगल पर ऑनलाइन कर दिया गया है।

कैसे जानें, कहां है टॉयलेट : 
नगर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने बताया कि यदि आप नगर सीमा में हैं और आपको टॉयलेट व यूरिनल का इस्तेमाल करना है तो मोबाइल का जीपीएस ऑन कर लीजिए। गूगल पर स्वच्छ टॉयलेट टाइप करिए। आपके मोबाइल स्क्रीन पर आसपास स्थित सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय और यूरिनल की लोकेशन मिल जाएगी। फिर आप आसानी से टॉयलेट तक पहुंच सकेंगे।

पर्यटकों को होती है दिक्कत : 
धार्मिक शहर बनारस पर्यटन केन्द्र के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। शहर में प्रतिदिन हजारों देसी-विदेश पर्यटकों व तीर्थयात्रियों का आवागमन होता है। गंगा घाट व गलियों का सर्वाधिक आकर्षण है। बाहर से आने वाले लोगों को शौचालय व यूरिनल की जानकारी नहीं होने से काफी दिक्कतें होती रहीं हैं। अब यह समस्या खत्म हो जाएगी।

17 शौचालयों पर फीडबैक मशीन :
नगर निगम ने सफाई व अन्य सुविधा का फीडबैक लेने के लिए 17 शौचालयों में फीडबैक मशीन लगायी है। मशीन पर हरा, पीला व लाल रंग का बटन है। हरे बटन के आगे अच्छी, पीला बटन के औसत और लाल बटन के खराब सफाई व्यवस्था का संकेतक बना है। बटन दबाते हुए फीडबैक दिल्ली में स्वच्छता सर्वेक्षण टीम तक पहुंच जाएगा।

नगर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने बताया कि खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित होने के बाद नगर निगम अब ओडीएफ प्लस की तैयारी में जुटा है। इसके तहत सभी शौचालयों व यूरिनल की गूगल पर मैपिंग करायी गयी है। गूगल पर एक क्लिक पर आप शहर के शौचालयों की लोकेशन जान सकेंगे।