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खुले गटर में गिरे दिव्यांशु का अभी तक कोई पता नहीं, BMC की नींद उड़ी…महापौर के इस्तीफे की मांग

इसी खुले गटर में गिरा दिव्यांशु , परिवार ने बीएमसी को ठहराया जिम्मेदार

मुंबई, गोरेगांव के अंबेडकरनगर में बुधवार रात खुले हुए गटर में गिरे तीन साल के बच्चे दिव्यांशु का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। एनडीआरएफ के साथ ही कई अन्य टीमें लगातार बच्चे की खोज में लगी हैं और शुक्रवार को भी बच्चे की तलाश जारी है लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है। कई किलोमीटर तक तलाशी अभियान चलाया गया लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला है। वहीं,घटना के लिए बच्चे के परिवार ने जहां बीएमसी को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं अधिकारियों ने यह पता लगाने की बात कही है कि गटर का ढक्कन किसने खोला।

खुले गटर में गिरा था दिव्यांशु…
गौरतलब है कि बुधवार रात 10:24 बजे तीन साल का दिव्यांशु सड़क पर टहल रहा था। एक इलेक्ट्रिक बॉक्स के बीच खुला हुआ गटर अंधेरे में उसे दिखाई नहीं दिया और वह फिसलकर अंदर गिर गया। सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना कैद हो गई। यह गटर कम गहराई था लेकिन यह आगे जाकर यह गहरे सीवर से मिलता है। आशंका जताई गई है कि बारिश के तेज हुए पानी के बहाव में बच्चा बह गया। पास की मस्जिद में लगे सीसीटीवी को देखा गया तो वीडियो में साफ दिखाई देता है कि दिव्यांशु अपने घर से खेलता हुआ सड़क पर आ जाता है, लेकिन जैसे ही वो वापस जाने के लिए मुढ़ता है, उसका पैर फिसल जाता है और वो खुले नाले में गिर जाता है…!

सीसीटीवी में साफ दिखाई देता है कि दिव्यांशु अपने घर से खेलता हुआ सड़क पर आ जाता है, लेकिन जैसे ही वो वापस जाने के लिए मुढ़ता है, उसका पैर फिसल जाता है और वो खुले नाले में गिर जाता है…!

परिजनों ने बीएमसी को ठहराया जिम्मेदार…
दिव्यांशु के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पिछले पांच साल से इस गटर का ढक्कन खुला है। उन्होंने कहा कि बीएमसी को इस बारे में कई बार खत लिखा गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दिव्यांशु के पिता ने धमकी दी है कि मेरा बेटा नहीं मिला तो मैं २४ घंटे के अंदर फांसी लगाऊंगा। वहीं, बीएमसी के पी दक्षिण प्रभाग समिति की अध्यक्ष श्रीकला पिल्लै ने कहा है कि सफाई के लिए गटर का ढक्कन खोला गया लेकिन बाद में बंद नहीं किया गया।

जिम्मेदार बनें मुंबईकर : महापौर
वहीं, महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर कहना है कि मुंबईकर भी कई बार गटर के ढक्कन खोल देते हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों को जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए। बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने घटना को दु:खद बताया है। उन्होंने कहा है कि बच्चा खुले गटर में गिरा है, वह मैनहोल नहीं था। उन्होंने बताया है कि फुटपाथ पूरा ढका है। उधर, दक्षिण की वॉर्ड ऑफिसर चंदा जाधव ने कहा कि गटर का ढक्कन पास ही में पड़ा मिला। उन्होंने कहा कि अभी यह बता पाना मुश्किल है कि इसे किसने खोला। उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है।

कांग्रेस ने की आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग…
मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष चरण सिंह सप्रा ने दिव्यांशु की गटर में गिरने की घटना को प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए इस संबंध में बीएमसी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। सप्रा ने आरोप लगाया कि 30 हजार करोड़ रुपये की महानगरपालिका का कामकाज देखने वाले मुंबई के महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर को सुबह 8 बजे तक इस घटना की कोई जानकारी ही नहीं थी जबकि घटना बुधवार रात की है। मनपा में विरोधी पक्ष नेता रवि राजा का कहना है कि लोगों का बीएमसी से भरोसा उठ गया है। उन्होंने कहा है कि इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। वहीं, समाजवादी पार्टी नेता रईस शेख ने वॉर्ड ऑफिसर को तुरंत निलंबित करने की मांग की है।
5 साल में 328 लोगों की मौत…
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में मुंबई शहर में मैनहोल, गटर और समुद्र में डूबने की 639 दुर्घटनाओं में 328 लोगों की मौत हो चुकी है। बीएमसी ने आरटीआई के जवाब में बताया कि 2013 से जुलाई 2018 तक ये मौतें हुई हैं।