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चर्चिल चेम्बर्स आगः दमकल कर्मियों की सतर्कता ने बचाई 14 लोगों की जान

इमारत से लोगों को बचाकर निकाला गया बाहर

मुंबई, कोलाबा स्थित ताज होटेल के पास चर्चिल चेम्बर्स इमारत में रविवार दोपहर को आग लग गई थी। इस हादसे में कई लोगों की जान जा सकती थी, लेकिन इसे संयोग कहें या लोगों की किस्मत…! बहुत बड़ा हादसा होने से बच गया। जिस इमारत में आग लगी, उसके बगल की बिल्डिंग में छह फायरमैन रूटीन चेकिंग के लिए पुहंचे थे। जब उन्होंने बिल्डिंग से आग उठते देखी तो वे घटनास्थल पर पहुंच गए और तत्काल राहत कार्य में जुटते हुए 14 लोगों की जान बचा ली।
इमारत में आग दोपहर 12:17 बजे लगी और फायर ब्रिगेड सहित छह फायरमैन 12:25 पर पहुंच गए। तत्काल राहत कार्य के कारण इस हादसे में सिर्फ एक ही व्यक्ति श्याम अय्यर (54) की मौत हुई, जिनके फ्लैट से आग बिल्डिंग में फैली थी।
नरीमन प्वॉइंट दमकल केंद्र के स्टेशन अधिकारी ईश्वर कांबले ने बताया कि वह पांच लोगों की एक टीम के साथ दमकल में मौजूद थे। जब उन्होंने लोगों की चीख-पुकार सुनी और अगली गली से धुआं निकलता देखा तो सतर्क हो गए। हम कोयला रेस्तरां के पास थे तो हमने धुंआ उठते देखा। कुछ लोग उनके पास पहुंचे और आग लगने की सूचना दी। हमने दमकल की गाड़ी को तुरंत घटनास्थल की तरफ मोड़ दिया और कंट्रोल रूम को भी सूचना दे दी। एक साथ दो दमकलकर्मी आग बुझाने की तैयारी में लग गए और बाकी के चार, लोगों को बाहर निकालने के लिए इमारत के अंदर घुस गए। दमकलकर्मियों ने इमारत की कई खिड़कियां भी खोल दीं, ताकि धुएं से लोगों को बचाया जा सके।

AC यूनिट से लगी थी आग…
कांबले ने बताया कि चर्चिल चेम्बर्स के 15 लोगों में से चार को टर्न टेबल लैडर का उपयोग करके बचाया गया, जबकि अन्य दस को बिल्डिंग की मुख्य सीढ़ी से उतारकर बाहर लाया गया। इमारत की तीसरी मंजिल में जहां आग लगी थी, वहां पर चार फ्लैट, 12,13,14 और 15 थे। बताया जा रहा है कि फ्लैट नंबर 14 में श्याम अय्यर अपनी पत्नी पूजा के साथ रहते थे। उनके ही फ्लैट में आग लगी। श्याम का शव उसके बेडरूम के ठीक बाहर से बरामद किया गया। अधिकारियों की मानें तो आग श्याम अय्यर के एसी यूनिट से लगी थी।
श्याम अय्यर के बगल वाले फ्लैट 13 नंबर पर यूसुफ पूनावाला अपने परिवार के तीन लोगों और नौकरानी के साथ घर में मौजूद थे। डिविजनल फायर ऑफिसर एवी परब ने बताया कि आग लगने के बाद यूसुफ अपने परिवार के सदस्यों के साथ फ्लैट के अंदर बंद हो गए। उनके फ्लैट में धुआं भरने लगा। सभी लोगों का दम घुट रहा था। यहां तक कि सांस लेना दूभर हो रहा था। वह सिर पकड़कर कुर्सी पर बैठ गए तभी उन्हें दमकलकर्मियों ने बिल्डिंग के बाहर निकाला। यूसुफ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इमारत की बनावट से टला बड़ा हादसा…
इस हेरिटेज बिल्डिंग से 14 निवासियों को बचाने में दमकलकर्मियों को आसानी हुई। बिल्डिंग की खिड़कियों पर ग्रिल्स नहीं लगी थीं जिसके कारण बचाव दल को अंदर जाने में आसानी हुई और वे लोगों को जल्दी से बाहर निकाल लाए। मुख्य अग्निशमन अधिकारी पी। राहंगडाले ने कहा कि खिड़कियां किसी ग्रिल से ढकी नहीं थीं, जो बचाव के प्रयासों में बड़ी मददगार साबित हुईं, अगर आग मुख्य सीढ़ी तक फैल गई होती जहां खिड़कियां ग्रिल्स से ढकी होतीं तो इससे कहीं अधिक नुकसान हो सकता था।