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कुमार अब कर्नाटक के स्वामी नहीं…विश्वासमत में हारे…कहा- इस्तीफा जेब में लेकर आया हूं

कर्नाटक का सियासी ड्रामा ख़त्म…बेंगलुरु में अगले 48 घंटे तक धारा 144 लागू

बेंगलुरु, कर्नाटक में विश्वास मत पर चर्चा के बीच शक्ति परीक्षण को लेकर चल रहा सियासी ड्रामा अब खत्म हो गया। मंगलवार शाम मुख्यमंत्री कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई। फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को 99 वोट मिले, जबकि भाजपा के पक्ष में बहुमत के लिए जरूरी 105 वोट डाले गए। इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद मैं राजनीति छोड़ने को तैयार था। मेरा राजनीति मेें आना भी अपेक्षित नहीं था। लोग चर्चा कर रहे हैं कि मैं कुर्सी से क्यों चिपका हुआ हूं। मैं खुशी से यह पद छोड़ने को तैयार हूं। मेरी सरकार बेशर्म नहीं है। मैं भाषण के बाद भागूंगा नहीं। इसके बाद वोट डाले जाएंगे और उनकी गिनती होगी।

बागियों की राजनीतिक समाधि बनेगी: सिद्धारमैया…
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को भाजपा पर विधायकों का होलसेल व्यापार करने और रिश्वत देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अस्थिर करना चाहती है। होलसेल व्यापार एक समस्या है। अगर वहां पर रिटेल ट्रेड से एक या दो विधायकों को खरीदा जाता तो समस्या नहीं थी। 25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़.. पैसे कहां से आ रहे हैं। बागियों को अयोग्य कर दिया जाएगा। उनकी राजनीतिक समाधि बनेगी। सदन में जब बहस शुरू हुई तो सत्ता पक्ष (ट्रेजरी बेंच) में ज्यादातर विधायक गैर-हाजिर थे। इस पर स्पीकर रमेश कुमार ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पूछा कि गठबंधन सरकार के विधायक कहां हैं? इससे पहले इस्तीफा देने वाले बागी विधायकों ने स्पीकर को एक खत लिखा, इसमें उन्होंने मांग की कि उन्हें मुलाकात के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया जाए। इन बागियों को स्पीकर ने सोमवार को मिलने के लिए नोटिस भेजा था। सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।

इस्तीफे वाले पत्र पर स्वामी ने कहा- किसी ने जाली दस्तखत किए
सोशल मीडिया पर सोमवार को एक पत्र सामने आया, जिसमें दावा किया गया कि यह कुमारस्वामी का इस्तीफा है। इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि मुझे इस संबंध में सूचना मिली है। कहा जा रहा है कि मैंने अपना इस्तीफा गवर्नर को भेज दिया है। मुझे नहीं पता कि कौन मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहा है। किसी ने मेरे जाली दस्तखत किए हैं और इसे सोशल मीडिया पर फैला दिया है। इस तरह की गिरी हुई हरकत देखकर मैं हैरान हूं।

कुमारस्वामी ने राज्यपाल की डेडलाइन नजरअंदाज कीं…
राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे और फिर शाम 6 बजे तक की डेडलाइन दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस दिन विश्वास मत साबित नहीं किया। कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था, ”मेरे मन में राज्यपाल के लिए सम्मान है, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे आहत किया। मैं फ्लोर टेस्ट का फैसला स्पीकर पर छोड़ता हूं। मैं दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं हो सकता। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि राज्यपाल की ओर से भेजे गए पत्र से मेरी रक्षा करें।”

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा…
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था।

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपेंगे स्वामी…
सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही एचडी कुमारस्वामी राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप सकते हैं। उनके इस्तीफे के बाद सूबे के गवर्नर वजुभाई वाला बीजेपी लीडर बीएस येदियुरप्पा को सरकार गठन का न्योता दे सकते हैं। सरकार गिरने के बाद बीजेपी विधायकों ने बीएस येदियुरप्पा को दी बधाई।