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पीएम मोदी बोले- पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए बनेगा म्यूजियम…

प्रधानमंत्री मोदी ने किया पूर्व पीएम चंद्रशेखर पर लिखी हरिवंश की किताब का विमोचन

नयी दिल्ली, पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि एक जमात है जिसने कई पूर्व प्रधानमंत्रियों को भुलाने का काम किया है और उनकी छवि खराब कर दी है। उन्होंने कहा,पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को प्रयत्नपूर्वक भुलाने का काम किया गया। देश के आजाद होने के बाद बाबासाहेब आंबेडकर और सरदार पटेल की क्या छवि बना दी गई। लाल बहादुर शास्त्री अगर जीवित होते तो उनको भी न जाने क्या-क्या बना देते। पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर लिखी गई किताब के विमोचन के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी प्रधानमंत्री के काम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसके लिए एक म्यूजियम बनाया जाएगा।

चंद्रशेखर के खिलाफ सोची समझी साजिश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस किताब में चंद्रशेखर के जीवन के अलावा उस कालखंड की घटनाओं के बारे में भी बताया गया है। हमारे देश में फैशन है कि लोगों को कुछ अधिकार मिले हैं। आज छोटा-मोटा लीडर भी 10-12 किलोमीटर पदयात्रा करे तो अखबार में छपता है, टीवी दिन भर चलाता है। चंद्रशेखर ने गांव गरीब किसान के लिए पदयात्रा की। इस देश को जो गौरव देना चाहिए था नहीं दिया गया। हम चूक गए। दुर्भाग्य यह है कि उनके विचारों पर किसी को ऐतराज हो सकता है लेकिन सोची समझी रणनीति के तहत चंद्रशेखर जी की यात्रा को करप्शन के इर्द गिर्द चर्चा में रखा गया।
पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए बनेगा म्यूजियम
मोदी ने कहा कि एक जमात पूर्व प्रधानमंत्रियों को बदनाम करने का काम करती है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्रियों के बारे में यही चर्चा होने लगती है कि प्रधानमंत्री मीटिंग में सोते हैं। ऐसे टाइटल दिए गए कि उनके कामों को भुला दिया गया। लेकिन मैंने ठान लिया है कि दिल्ली में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए आधुनिक म्यूजिअम बनाया जाएगा। सभी पूर्व प्रधानमंत्रयों के परिवारजनों से आग्रह है कि उनके जीवन से संबंधित वस्तुओं को एकत्रित करें। मयूजियम में चौधरी चरण सिंह, देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल और डॉ. मनमोहन सिंह सहित सभी के कामों को जगह दी जाएगी।

अटल को गुरुजी कहते थे चंद्रशेखर
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, चंद्रेशेखर जी अटल जी को हमेशा गुरुजी कहते थे। वह सदन में भी बोलते थे तो कहते थे कि गुरुजी क्षमा करिए मैं आपकी आलोचना करना चाहता हूं। उनके संस्कार और गरिमा प्रतिपल हमें प्रेरणा देते हैं। बागी बलिया की मिट्टी में आज भी वह खुशबू है।

अंतिम समय तक देश के लिए चिंतित थे चंद्रशेखर
प्रधानमंत्री मोदी ने पुरानी घटना को याद करते हुए कहा, चंद्रशेखर जी की मृत्यु के कुछ दिन पहले उनका फोन आया। उन्होंने मुझे बुलाया, मैं उनके घर पहुंचा तो हैरान था कि उन्होंने लंबे समय तक मुझसे बातें कीं। बाद में उन्होंने देश के बारे में विस्तार से चर्चा की। देश के प्रति उनके विचार अद्भुत थे और वह अंतिम समय तक देश की चिंता करते रहे। इसके बाद उनसे मेरी मुलाकात कभी नहीं हो सकी।

छुआछूत से दूर है राजनीति: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति छुआछूत के परे है। उन्होंने कहा, देश को एक नए राजनीतिक कल्चर की जरूरत है। चंद्रशेखर आज भी नई पीढ़ी को प्रेरणा दे सकते हैं। आज भी उनके चिंतन से युवाओं का मिजाज उभरकर आ सकता है। मुझे याद है कि प्रधानमंत्री पद से जब इस्तीफा दे दिया गया तो दिल्ली में तूफान मच गया। उस दिन मैं नागपुर में था। जहां मेरा स्थान था वहां चंद्रशेखर जी का फोन आया। उन्होंने कहा कि गुरुजी कहां हैं? उन्होंने कहा कि इंतजार कर रहा हूं और बात करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का मन बना लिया है। ऐसी अनेक विशेषताओं के साथ चंद्रशेखर जी ने देश के लिए काम किया। हम उनसे प्रेरणा लेकर देश के लिए कुछ करें यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया। राज्यसभा के उपसाभपति हरिवंश और रविदत्त बाजपेयी ने यह पुस्तक लिखी है। इसका शीर्षक, ‘चंद्रशेखरः द लास्ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स’ है। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के अलावा गुलामनबी आजाद भी इस मौके पर मौजूद थे।