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मोदी सरकार के साथ मिलकर शुरू करें अपना बिज़नेस, लाखों कमाएं…

नयी दिल्ली, अगर आप कोई बिज़नेस शुरू करने का प्लान बना रहे हैं और आप छोटे शहर में रहने की वजह से ये बिज़नेस नहीं शुरू कर पा रहे हैं, तो हम आपको सरकार की एक ऐसी स्कीम के बारे में बता रहे हैं जिसके जरिए आप सरकार के साथ बिजनेस कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केट) यानी ऑनलाइन बाजार तैयार किया है। इसके जरिए सभी तरह की खरीदारी ऑनलाइन होगी। इस खरीद प्रॉसेस में बाबुओं और मिडिलमैन का दखल खत्म किया जाएगा।
बता दें कि इस पोर्टल पर 36,665 खरीदार संगठन हैं। 2.5 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं। 10 लाख से ज्यादा प्रोडक्ट हैं। जेम ने इस सारी प्रक्रिया को इतना आसान कर दिया है कि कोई भी इंटरप्रन्योर आसानी से इस पोर्टल पर रजिस्टर करके सरकार से डील कर सकता है और अपना प्रोडक्ट बेच सकता है। चलिए आपको बताते हैं कैसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन और कैसे होगी कमाई।

2 दिन में GeM पर रजिस्ट्रेशन और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
जेम पर रजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन केवल दो दिन में हो जाता है। एक महीने के अंदर आप अपने प्रोडक्ट जैम पर बेच सकेंगे। जेम टीम काफी सहयोगी और आगे बढ़ाने वाली है।

अगर आप GeM पर रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं आपके पास ये डॉक्यूमेंट होने चाहिए…

आधार कार्ड

आधार से लिंक मोबाइल नंबर

सिन, पेन, डीआईपीपी, उद्योग आधार, इनकम टैक्स रिटर्न

फर्म का पता

बैंक खाता

जेम (GeM) क्या है ये स्कीम?
जेम सरकार का ई-मार्केटप्लेस है। इसे 9 अगस्त 2016 को शुरू किया गया था। वाणिज्य मंत्रालय ने डायरेक्टर जनरल और सप्लाईज एंड गुड्स (डीजीएस एंड जी) को बंद कर इसे शुरू किया था। पहले यही सरकारी खरीद को मैनेज करती थी। इसकी जगह जेम पूरी तरह से पेपरलेस, कैश लेस ई-मार्केटप्लेस है। इस प्लेटफॉर्म पर कोई भी विक्रेता आसानी से रजिस्ट्रेशन करा सकता है। एक खुला मंच होने के कारण सरकार के साथ बिजनेस करने वालों के सामने यहां कोई बाधा नहीं है। हर कदम पर खरीदार उसके संगठन के प्रमुख, विक्रेताओं को ई-मेल से सूचना भेजी जाती है।
जेम पर सीधी खरीदारी मिनटों में की जा सकती है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। जेम की खासियत है कि इसे केवल 50 लोगों की टीम मिलकर चलाती है। जेम पोर्टल करीब 10 लाख से अधिक उत्पादों की पेशकश करता है। इनमें ऑफिस स्टेशनरी से लेकर वाहन तक शामिल हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को भी इस प्लेटफॉर्म में शामिल करने की कोशिश है। जेम की सीईओ राधा चौहान के अनुसार, जेम प्लेटफॉर्म काफी तेजी से काम करता है। यह समय की बचत करता है। इससे कीमतों में करीब 25 फीसदी की कमी भी आई है। वेंडर रजिस्ट्रेशन का काम जहां 30 दिन में होता था उसमें केवल 10 मिनट लगते हैं। नए-नए शुरू हो रहे स्टार्टअप के लिए यह प्लेटफॉर्म काफी मददगार साबित हो रहा है।