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कभी भी गिरफ्तार किये जा सकते हैं विधायक कुलदीप सेंगर

…कभी विधायक कुलदीप के भाई अतुल सेंगर ने UP पुलिस के DSP के पेट में मार दी थी गोली!

उन्नाव, उन्नाव में 14 साल पहले किसी बात को लेकर विधायक पक्ष से एक पत्रकार की कहा-सुनी हो गई थी। इसे रोकने के लिए जब पुलिस पहुंची तो विधायक के भाई अतुल सेंगर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें डीएसपी को पेट में गोली लग गई थी।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के निवासी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की माखी गांव में तूती बोलती है। वे उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक चुने गए हैं।

वर्ष 2002 में बने विधायक
कुलदीप सेंगर ने यूथ कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत की और 2002 में भगवंतनगर से बीएसपी के टिकट पर पहली बार विधायक बने। इसके बाद 2007 और 2012 में वो सपा के टिकट पर चुने गए। वर्ष 2017 में बांगरमऊ से बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे।
सेंगर के बारे में कहा जाता है कि वो प्रदेश की सियासत की हवा का रुख भांप लेते हैं। 1996 के चुनावों में 10 हजार वोटों से हारी हुई उन्नाव सदर की सीट से मायावती ने कुलदीप को उम्मीदवार बना दिया। इस चुनाव में कुलदीप ने कांग्रेस के प्रत्याशी शिव पाल को करीब 4000 वोट से मात दी। इसके बाद से ही कुलदीप की छवि बाहुबली की बननी शुरू हो गई थी। 2007 में वो सपा के साथ हो लिए। सपा के टिकट पर वो 2012 में भी चुनाव जीत गए। लेकिन बाद में जब सपा का माहौल खराब हुआ तो 2017 में बीजेपी का झंडा पकड़कर विधायक बन गए।

दबंग नेता राजा भैया के करीबी
कुलदीप सेंगर को निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का बेहद करीबी माना जाता है। ये दलबदलू नेता के नाम से भी चर्चित हैं। कुलदीप की पत्नी संगीता सेंगर से लेकर भाइयों तक, सभी में किसी न किसी पद पर रहने का जुनून रहा है। कुलदीप की पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया गया, भाई मनोज सेंगर ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। खुद लोकसभा के लिए वो अपनी पिच तैयार कर रहे हैं। कुलदीप के तीसरे भाई अतुल सिंह उनके राजनीतिक साम्राज्य का कामकाज संभालते हैं।
कई अवैध कारोबार में विधायक का परिवार शामिल: कुलदीप सिंग सेंगर पर अवैध खनन और अवैध तरीके से टोल लगाकर वसूली करने का भी आरोप लग चुका है। उन्नाव में एक चैनल के रिपोर्टर ने आरोपी विधायक के खिलाफ अवैध खनन की खबर दिखाया जिस पर रिपोर्टर के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज कराये गए। इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि उन्नाव का कोई भी ठेका बिना कुलदीप सेंगर की मर्जी के किसी को नहीं मिल सकता। कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर उर्फ जगदीप उनके तमाम ठेके चलाते हैं जबकि होटल का कारोबार उनके भाई मनोज सेंगर के पास है। साइकिल के ठेके से लेकर अवैध होटल चलाने और ऑटो स्टैंड से लेकर गाड़ियों से अवैध वसूली तक के कारोबार में विधायक का परिवार शामिल है।