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विपक्ष ने लगाया- फडणवीस सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की अनदेखी का आरोप

मुंबई, पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित सांगली और कोल्हापुर जिलों की दो महत्वपूर्ण नदियों में जलस्तर कम होने से आम लोगों को कुछ राहत मिलती दिखाई दे रही है। प्रशासन का कहना है कि सांगली, कोल्हापुर, सतारा, पुणे और सोलापुर जिलों में बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 43 लोगों की मौत हुई है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने फडणवीस सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की अनदेखी का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे ने भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ‘महाजनादेश यात्रा’ की पड़ी है, जबकि राज्य बाढ़ में डूबा है। कांग्रेस के चव्हाण और एनसीपी के धनंजय मुंडे के आरोपों का जवाब देने के लिए बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी सामने आए।
भंडारी ने विपक्ष पर संकुचित राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि 2005 में आई बाढ़ में करीब एक हजार लोगों की मौत हो गई थी। हजारों लोग जख्मी हुए थे, उन्हें उस समय कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई थी।

बाढ़ के पुराने फोटो एवं विडियो से अफवाह न फैलाएं…
इस बीच राज्य सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर बाढ़ के पुराने फोटो एवं विडियो डालकर अफवाएं न फैलाएं। पुरानी फोटो डालने से प्रशासन पर तनाव फैलता है, इसलिए ऐसे समय में पुराने फोटो और विडियो को बार-बार पोस्ट न करें। सरकार ने नागरिकों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील भी की है।