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न मुझे रोज CM रहना, न आपको अधिकारी, जो समय मिला यादगार बनाएं: योगी

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी सेवा में घंटे देखकर काम करने की प्रवृत्ति पर कड़ा वार किया है। उन्होंने सरकारी कर्मियों को नसीहत वाले अंदाज में कहा कि कुर्सी हमेशा किसी के साथ नहीं रही है। न रोज मुझे मुख्यमंत्री रहना है और न रोज आपको अपने-अपने पद पर रहना है। कुर्सी चलायमान है। लेकिन जितने दिन व जितने समय कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है, यदि ईमानदारी के साथ जनता को जनार्दन मानकर किया जाए तो वह पारी यादगार बन जाती है। यादगार पारी व्यक्ति के साथ उसके संवर्ग को भी यशस्वी बनाती है।
मुख्यमंत्री शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रांतीय सिविल सेवा (प्रोन्नत अधिकारी) संघ के सामान्य अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं रोज 17-18 घंटे काम करता हूं। इससे संतुष्टि मिलती है। सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि सोना जितना तपता है वह उतना ही शुद्ध होता है। इसी तरह व्यक्ति भी जितना मेहनत करेगा, पसीना बहाएगा वह उतना ही खरा साबित होगा। उसकी विश्वसनीयता बढ़ेगी। अधिवेशन को संघ के अध्यक्ष ओपी पाठक व महासचिव नंदलाल सिंह ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति मुकुल सिंघल के अलावा प्रदेश भर से आए संघ के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने प्रांतीय सिविल सेवा के अधिकारियों से कहा कि उनकी सरकार ने दो वर्ष के भीतर 295 अफसरों को पदोन्नति दी। नियमों को शिथिल कर समय से पहले पदोन्नति देने में भी संकोच नहीं किया। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति व मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए और उनकी समस्याओं का तत्परता से समाधान होना चाहिए। इस तरह हर संवर्ग के लिए सरकार कर रही है। ऐसे में अधिकारियों व कर्मचारियों से जिम्मेदारी के प्रति अच्छे प्रदर्शन की अपेक्षा करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कई अधिकारी समय से दफ्तर नहीं आते हैं। कई लोग मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों को बिना पढ़े व सुने ही निस्तारित लिख देते हैं। तमाम नगर निकाय अपनी आय बढ़ाने की सोचते नहीं और जो सरकार धन देती है, उसे खर्च नहीं कर पाते। राजस्व व पुलिस प्रशासन से जुड़ी 90 प्रतिशत समस्याएं आती हैं। उन्होंने कहा कि यदि वरिष्ठ अधिकारी इस तरह काम करेंगे तो मातहत बाबू कैसे करेंगे? उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रतिदिन एक घंटे सुनवाई कर समस्या का समाधान शुरू कर दें, शिकायतें आनी कम हो जाएगी।