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सेन्ट्रल बैंक देश को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प: एस. आर. खटीक

एस. आर. खटीक (सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया-फिल्ड जनरल मैनेजर)

मुंबई, ‘सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया’ जन सामान्य के हितार्थ तथा देश को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढाने के लिए कृत संकल्प है। यह उद्द्गार सेन्ट्रल बैंक के फिल्ड जनरल मैनेजर एस. आर. खटीक ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ बैंकों के विचारों और उनके कार्यनिष्पादन की समीक्षा तथा उनके संरेखण के लिए डिजाइन की गई परामर्श-प्रक्रिया का पहला चरण सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा १८ व १९ अगस्त को क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित किया गया। जिसमें दक्षिण मुंबई, ठाणे व मुंबई उपनगरीय क्षेत्रों के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी शाखाएं शामिल थीं। यह एक अलग तरह की पहली परामर्श-प्रक्रिया थी। जहां शाखाओं को स्वयं अपने प्रदर्शन की समीक्षा करने और बैंकिंग क्षेत्र के तमाम मुद्दों पर विचार-विमर्श करने तथा भविष्य की रणनीति पर विचार करने और आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में सुझाव मांगे गए थे।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री खटीक ने बताया कि मिनिमन बैलेंस रखने की प्रक्रिया में किसी गरीब खाताधारक को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। बैंक ने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था किया है।
आगे उन्होंने कहा कि हमारा देश अविश्वश्नीय रूप से युवा है, इसकी लगभग 50% प्रतिशत आबादी २५ साल से कम है, और लगभग 65% प्रतिशत आबादी ३५ साल की उम्र से कम है। हमें उम्मीद है कि
अगले दस वर्षों में १० करोड़ लोग कार्यबल में प्रवेश करेंगे। संक्षेप में हमारा देश युवा, महत्वाकांक्षी और जागरूक है। उन्होंने कहा कि इस परामर्श-प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप हमारे बैंक की शाखा स्तर पर एक नया जोश पैदा हुआ है। हमारा बैंक भविष्य के रोडमैप को लागू करने तथा बेहतर से बेहतर कार्यनिष्पादन करने की दिशा में अग्रसर है।
‘सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया’ की स्थापना २१ दिसम्बर, १९११ को सर सोराबजी पोचखानावाला द्वारा प्रथम स्वदेशी बैंक के रूप में भारतीयों द्वारा तथा भारतीयों के लिए उद्देश्य के साथ स्थापना की थी। वह पहले बैंकर थे जिन्हें ब्रिटिश शासन द्वारा ‘सर’ की उपाधि से नवाज़ा गया था। भारत सरकार द्वारा बैंक के १०० वर्ष पूर्ण होने पर उनकी याद में डाक टिकट भी जारी किया गया।
सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को भारतीय बैंकिंग में घरेलू बचत खाता, लॉकर सुविधा, प्रथम महिला शाखा, क्रेडिट कार्ड तथा बहुउद्देशीय सेवाओं का प्रणेता होने का श्रेय प्राप्त है। हमारे बैंक में निष्ठ एवं समर्पित ग्राहकों के अलावा बहुत सी विद्यमान एवं पूर्व विभूतियों के खाते रहे हैं।
वसुधेव कुटम्भकम की भावना से प्रेरित होकर बैंक ने ९ अगस्त को अपने संस्थापक के १३८वें जन्मदिवस पर एक मशाल जलाकर एकता एवं एकजुटता की भावना वयक्त की और बैंक के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा…!