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मुंबई: 30 किलो चूना मिला IPS ने बेची थी जब्त की गई एक अरब की हेरोइन, अदालत ने सुनाई 15 साल की सजा

साजी मोहन (फाइल फोटो)

मुंबई, एंटी टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) द्वारा 2009 में गिरफ्तार निलंबित आईपीएस अधिकारी साजी मोहन को ड्रग्स तस्करी के एक मामले में दोषी करार दिया गया है। मुंबई की विशेष नारकॉटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज अदालत ने साजी के अलावा उनका बॉडीगार्ड को भी इसी मामले में दोषी करार दिया है।
पूर्व आईपीएस को 15 साल और उनके बॉडीगार्ड राजेश कुमार को 10 साल की सजा सुनाई गई है। इन दोनों के अलावा एक अन्य शख्स भी एटीएस के हत्थे चढ़ा था लेकिन सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया। इनके पास से 44 किलो ड्रग्स बरामद हुई थी।

यह था आईपीएस पर आरोप
1995 बैच के जम्मू-कश्मीर कैडर के आईपीएस अधिकारी साजी मोहन चंडीगढ़ में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जोनल डायरेक्टर पद पर तैनात रहे। उनपर आरोप था कि उन्होंने मालखाने में जमा हेरोइन अनधिकृत रूप से निकाली थी।

जब्त हेरोइन में चूना मिलाकर बेचने का आरोप
मार्च 2009 में साजी की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी ने चंडीगढ़ के मालखाने का रिकार्ड चेक किया था। जांच के दौरान 15 मई 2008 को जम्मू बार्डर से जब्त 60 किलो हेरोइन में से तीस किलो हेरोइन कम मिली थी। साजी पर आरोप लगा था कि उसने यह बलविंदर सिंह और गनमैन दविंदर और नवीन के साथ मिलकर हेरोइन बेच दी थी। साथ ही हेरोइन में 30 किलो चूना भी मिलाने का आरोप था। उस समय बेची गई हेरोइन की कीमत एक अरब रुपए से अधिक थी।