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80 करोड़ पर राज ठाकरे से 9 घंटे तक सवाल पूछते रहे ईडी अधिकारी

मुंबई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) अध्यक्ष राज ठाकरे से लंबी पूछताछ की। यह पूछताछ आईएल एंड एफएस के कोहिनूर सीटीएनएल में निवेश और कर्ज के मामले में हुई। राज ठाकरे को चार दिन पहले इस संबंध में समन भेजा गया था। गुरुवार सुबह वह पत्नी शर्मिला, बेटे अमित और बहू के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे। उनसे सुबह करीब 11:30 बजे से पूछताछ शुरू हुई, जो कई घंटे तक चलती रही। इस केस में लगातार दो दिन तक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष का भी बयान लिया जा चुका है।
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि उन्मेश जोशी की कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल ने कोहिनूर मिल की जमीन खरीदी और उस पर बहुमंजिला इमारत बनाई। इसके लिए आईएल एंड एफएस ने 225 करोड़ का लोन दिया। लेकिन इसमें कर्ज के 135 करोड़ नहीं लौटाए गए। राज ठाकरे पर आरोप है कि इस डील में वह भी शामिल थे।
ईडी का कहना है कि उन्मेष और राज ठाकरे से पूछताछ कुछ और कारणों से भी हो रही है। ईडी का कहना है कि कोहिनूर सीटीएनएल दादर में कोहिनूर टॉवर्स के कंस्ट्रक्शन का काम भी कर रही है। जांच में यह बात सामने आई कि कोहिनूर मिल्स नंबर 3 को खरीदने के लिए कई साल पहले उन्मेष जोशी, राज ठाकरे और उनके एक अन्य बिजनेस सहयोगी ने मिलकर एक कन्सोर्टियम (कंपनियों का संगठन) भी गठित किया था। इसमें आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने भी काफी बड़ी रकम निवेश की थी।
90 करोड़ रुपये में शेयर सरेंडर: इसके बाद साल 2008 में बड़ा नुकसान उठाते हुए कंपनी में अपने शेयर्स को महज 90 करोड़ रुपये में सरेंडर कर दिया। उसी साल राज ठाकरे ने भी अपने शेयर बेच दिए थे और कंसोर्टियम से बाहर निकल गए थे। अपना शेयर सरेंडर करने के बाद भी आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को अडवांस लोन दिया।