उत्तर प्रदेशदेश दुनिया

गायत्री प्रजापति केस में नया मोड़..बड़ी बेटी ने कहा- मेरे साथ भी हुई थी रेप की कोशिश

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ चल रहे गैंगरेप के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। गैंगरेप के इस मामले की एफआईआर दर्ज कराने वाली पीड़िता की सबसे बड़ी बेटी ने दावा किया है कि अभियुक्तों ने उसके साथ बलात्कार का प्रयास किया था न कि उसकी सबसे छोटी बहन के साथ। लिहाजा इस मामले में निर्मित आरोप को न्यायहित में संशोधित किया जाना आवश्यक है। उसने अर्जी में यह भी मांग की है कि चूंकि वही इस घटना की भुक्तभोगी है, इसलिए इस मामले में उसकी गवाही अंकित होनी चाहिए, न कि उसकी सबसे छोटी बहन की। पोक्सो के विशेष जज विकास नागर ने फिलहाल इस अर्जी पर सुनवाई से पहले अर्जी दाखिल करने वाली पीड़िता की बड़ी बेटी से पूछा है कि उसने किस लोकस से यह अर्जी दाखिल की है।
पीड़िता की बड़ी बेटी ने अपनी अर्जी में कहा है कि इस मामले की एफआईआर उसकी मां की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दर्ज हुई थी। 17 जुलाई, 2018 को इस मामले में उसकी मां ने अदालत में दिए गए बयान में अपनी तीन बेटियों का जिक्र किया है, जिसमें उसने अपनी सबसे बड़ी बेटी की उम्र 19, दूसरे की 17 व सबसे छोटी पुत्री की उम्र 16 साल बताया है। विवेचक ने भी केस डायरी में इसका उल्लेख किया है। अर्थात विवेचक ने भी घटना के समय उसकी बड़ी बेटी की उम्र 17 व सबसे छोटी पुत्री का उम्र 14 साल होना पाया है। लेकिन एफआईआर में पीड़िता की किस बेटी के साथ दुराचार का प्रयास किया गया, उसका नाम नहीं दर्ज है। बल्कि जिस लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास होना कहा गया है, उसकी उम्र 17 साल होने का उल्लेख है।
पीड़िता की बड़ी बेटी का कहना है कि घटना के समय उसकी उम्र ही 17 साल थी। अर्थात घटना उसके साथ हुई है, न कि छोटी पुत्री के साथ। अपनी इस बात के समर्थन में उसने अपनी मां के एक बयान का भी जिक्र इस अर्जी में किया है। इसके मुताबिक उसकी बड़ी लड़की जिसकी उम्र 17 साल है, उसे व मुझे इनोवा गाड़ी से मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के आवास पर ले जाया गया। वहां गायत्री व अन्य अभियुक्तों द्वारा मेरी बच्ची के साथ बलात्कार का प्रयास किया गया।
अर्जी में कहा गया है कि इस घटना के कुछ समय बाद पीड़िता की सबसे छोटी बेटी का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज हुआ, जिसमें उसने अपनी उम्र 15 साल बताई है। अभियोजन के मुताबिक भी जिसके साथ बलात्कार के प्रयास की घटना हुई, उसकी उम्र 17 साल थी। अर्थात घटना उसके साथ हुई थी न कि सबसे छोटी बेटी के साथ। लिहाजा इन तथ्यों व अभियोजन साक्ष्य से पूर्णत: स्पष्ट है कि घटना उसके साथ हुई है। अर्जी में यह भी कहा गया है कि इस मामले की एफआईआर दर्ज होने के बाद उसकी मां ने यह योजना बनाई थी कि साक्ष्य बदलने के एवज में अभियुक्तों से अच्छा पैसा वसूलना है। इसलिए अपनी योजना को अमल में लाने के लिए पुलिस को दिए अपने बयान में उसकी मां ने उसकी जगह अपनी छोटी बेटी को भुक्तभोगी बताया।
विवेचक ने भी इसी आधार पर अदालत में उसकी छोटी बेटी का ही बयान दर्ज कराया, जिसमें वह पक्षद्रोही भी हो गई, क्योंकि उसने अपने बयान में अभियुक्तों को निर्दोष बताया है। जबकि उसकी मां को को यह स्पष्ट मालूम था कि उसकी बड़ी बेटी अपना साक्ष्य नहीं बदलेगी। बल्कि उसके साथ जो घटना हुई है, उसको जरूर कहेगी। विवेचक को इन समस्त तथ्य व साक्ष्यों के मद्देनजर उसका 164 सीआरपीसी का बयान दर्ज कराना चाहिए था। लेकिन विवेचक ने भी तथ्यों की अनदेखी करते हुए सबसे छोटी बेटी का बयान दर्ज कराया। यह सब अभियुक्तगणों की मिलीभगत से भी हुआ। मामले की सुनवाई 30 अक्तूबर को होगी।