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मिहान परियोजना के लिए 992 करोड़ रुपए, साहित्यकारों-कलाकारों के मानधन में डेढ़ गुना हुई वृद्धि

मुंबई, नागपुर के ‘मिहान परियोजना’ के लिए मंत्रिमंडल ने 992 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अतिरिक्त खर्च को प्रशासनिक और वित्तीय मान्यता दी गई। नागपुर में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी और माल परिवहन हब विकसित करने के लिए मिहान परियोजना को मंजूरी दी गई है। जरूरत के मुताबिक परियोजना में बदलाव को मंजूरी दी जाती है। मिहान के लिए जरूरी भूमिअधिग्रहण, पुनर्वास, तकनीकी काम जैसे कामों के लिए 1 हजार 508 करोड़ 36 लाख रुपए के खर्च को पहले ही प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दी जा चुकी है। अब मंत्रिमंडल ने इससे जुड़े कामों के लिए 992 करोड़ 9 लाख रुपए के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दे दी है।

बिनाकी स्कीम के लिए स्टैंप ड्यूटी में 80 फीसदी छूट: नागपुर में स्थित बिनाकी स्कीम की झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को स्टैंप ड्यूटी (मुद्रांक शुल्क) में 80 फीसदी की छूट दी गई है। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब स्थानीय रहिवासियों को सिर्फ 20 फीसदी स्टैंप ड्यूटी भरनी पड़ेगी। नागपुर के नाईकवाडी स्थित नागनाथ बलवंत काले के मालिकाना हक वाली 13।81 हेक्टेयर पुस्तैनी जमीन पर बिनाकी हाउसिंग स्कीम के तहत रहने वाले झोपड़ा धारकों के लिए यह फैसला अहम है। मालिक से जमीन हस्तांतरण पर अब लोगों को सिर्फ 20 फीसदी स्टैंप ड्यूटी भरनी पड़ेगी। जिन लोगों को नागपुर महानगर पालिका बिनाकी हाउसिंग स्कीम का रहिवासी प्रमाणित करेगी उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलेगा। नागपुर मनपा लाभार्थियों की सूची जारी करेगी। इससे पहले जिन लोगों को स्टैंप ड्यूटी भर दी है उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा और पैसे वापस नहीं किए जाएंगे।

बुलडाणा के जिगाव सिंचाई परियोजना के लिए 13 हजार 874 करोड़ रुपए संशोधित प्रशासकीय मंजूरी: बुलडाणा के नांदूरा तहसील के जिगाव सिंचाई परियोजना को 2018-19 की दर सूची के अनुसार 13 हजार 874 करोड़ रुपए की तीसरी संशोधित प्रशासकीय मंजूरी दी गई है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। बुलढाणा के 268 और अकोला के 19 कुल 287 गांवों को सिंचाई परियोजना का फायदा मिल सकेगा। परियोजना से बुलढाणा के 6 और अकोला के 2 तहसीलों के 87 हजार 580 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। विदर्भ के लिए महत्वपूर्ण यह सिंचाई परियोजना तापी नदी की उपनदी पूर्णा नदी पर क्रियान्वित की जाएगी।

इंटर्न डॉक्टरों के विद्यावेतन में बढ़ोतरी: सरकारी चिकित्सा, दंत चिकित्सा, आयुर्वेद और सरकारी अनुदानित आयुर्वेद, यूनानी महाविद्यालय के इंटर्न डॉक्टरों के विद्यावेतन को प्रति महीने 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 11 हजार रुपए कर दिया गया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी। इंटर्न डॉक्टरों को 1 अगस्त 2019 से 6 हजार रुपए के बदले अब विद्यावेतन के रूप में 11 हजार रुपए मिलेंगे। प्रदेश में चिकित्सा, दंत चिकित्सा, आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी डिग्री पाठ्यक्रम पूरा होने पर संबंधित विद्यार्थियों को एक साल की इंटर्नशिप करना आवश्यक होता है। इंटर्नशिप करने वाले विद्यार्थियों को अस्पताल में सेवा देने के लिए मासिक विद्यावेतन दिया जाता है।

साहित्यकारों और कलाकारों के मानधन में डेढ़ गुना वृद्धि: प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकारों और कलाकारों के मानधन में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी करने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस फैसले का लाभ राज्य के 26 हजार साहित्यकार और कलाकारों को मिलेगा। राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार अ वर्ग के कलाकारों को मानधन प्रति महीने 2100 रुपए से बढ़ाकर 3150 रुपए कर दिया गया है। ब वर्ग के कलाकारों को 1800 के बजाय अब 2700 रुपए और क वर्ग के कलाकारों को 1500 के बदले अब 2250 मिलेंगे।

कवयित्री बहिणाबाई चौधरी अध्ययन व संशोधन केंद्र की स्थापना को मंजूरी: जलगांव की कवयित्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय में कवयित्री बहिणाबाई चौधरी अध्ययन व संशोधन केंद्र की स्थापना को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस केंद्र बनाने के लिए कुल 1 करोड़ 90 लाख 22 हजार रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई है। इस केंद्र से खानदेश की महान कवयित्री के साहित्य का व्यापक स्तर पर प्रसार हो सकेगा। इस केंद्र में खानदेश के साहित्य-संस्कृति के अध्ययन के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

राज्य के 50 आश्रम स्कूलों का अंग्रेजी – सेमी अंग्रेजी में रुपांतरण का फैसला: प्रदेश सरकार के आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से शुरू किए गए 50 आश्रम स्कूलों को अंग्रेजी – सेमी अंग्रेजी में रुपांतरण करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इन आश्रम स्कूलों में कक्षा पहली से अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। जबकि कक्षा 6 वीं से विज्ञान व गणित दोनों विषयों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाया जाएगा। यह फैसला इसी शैक्षणिक वर्ष से लागू होगा। पहले चरण में प्रति वर्ष दो हजार विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से प्रदेश में 502 सरकारी आश्रम स्कूल चलाए जा रहे हैं। इसमें से 121 आश्रम स्कूल में विद्यार्थी उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा लेते हैं। इसके अलावा सरकार नामांकित योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम से निजी स्कूलों में आदिवासी विद्यार्थियों को कक्षा 12 वीं तक मुफ्त में शिक्षा उपलब्ध करा रही है लेकिन 179 निजी स्कूलों में 54 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं पर आदिवासी अभिभावकों की बढ़ती मांग के बाद सरकार ने अब 50 सरकारी आश्रम स्कूलों को अंग्रेजी – सेमी अंग्रेजी में रुपांतरित करने को फैसला किया है।

एकलव्य आवासीय स्कूलों में 5 वीं तक शुरू होंगी कक्षाएं: नाशिक के महाराष्ट्र ट्रायबल पब्लिक स्कूल सोसायटी अंतर्गत शुरू एकलव्य आवासीय स्कूलों में अब पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं शुरू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम को पढ़ाया जाएगा। पहली कक्षा शुरू होने पर प्रति वर्ष 2000 आदिवासी विद्यार्थियों अंग्रेजी माध्यम में प्रवेश मिल सकेगा। फिलहाल राज्य के 25 एकलव्य आवासीय स्कूलों में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर कक्षा 6 वीं से 12 वीं तक की पढ़ाई होती है।

वर्धा में खुलेगा आदिवासी विकास परियोजना का स्वतंत्र कार्यालय: आदिवासी विकास विभाग की एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना का वर्धा में स्वतंत्र कार्यालय शुरू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। बुधवार को प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके ने बताया कि वर्धा में परियोजना नए कार्यालय का उद्धाटन 2 सितंबर को किया जाएगा। नागपुर के एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना का कार्यक्षेत्र वर्धा और नागपुर जिला है। इस परियोजना के अधीन फिलहाल वर्धा में उप कार्यालय शुरू है। लेकिन आदिवासी समाज की योजनाओं को ज्यादा प्रभावी रूप से लागू करने के लिए वर्धा में स्वतंत्र कार्यालय शुरू करने का फैसला किया गया है। नए कार्यालय के लिए कुल 36 पदों को मंजूरी दी गई है। कार्यालय के लिए परियोजना अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी, कार्यालय अधीक्षक व संशोधन सहायक पद को मंजूरी दी गई है।

शबरी आदिवासी महामंडल को 50 करोड़ की गारंटी: आदिवासी विकास विभाग के तहत वाले शबरी आदिवासी वित्त व विकास महामंडल को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास महामंडल से कर्ज लेने के लिए 50 करोड़ रुपए शासन गारंटी देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।