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राज्यों के सदन केवल गेस्ट हाउस नहीं पर्टयन और व्यापार का केंद्र बनेंः प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि राज्यों के सदन केवल गेस्ट हाउस के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सदनों का इस्तेमाल राज्यों के पर्टयन और व्यापार के केंद्र के तौर पर होना चाहिए जहां जाते ही सारी जानकारी मिल जाए। पीएम मोदी अकबर रोड स्थित गरवी गुजरात सदन के उद्घाटन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गरवी गुजरात सदन को अन्य राज्यों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना है। उन्होंने अपील की कि प्लास्टिक के यूज पर नियंत्रण के लिए यह सदन उनका साथ दे।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत गणेश चतुर्थी की शुभकामना देकर की। उन्होंने कहा- मुझे खुशी है कि भगवान सिद्धिविनायक के पर्व पर एक और सिद्धि का उत्सव मना रहे हैं। गरवी गुजरात सदन सभी की सेवा के लिए तैयार हैं। मैं गुजरातवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। गुजरात भवन के बाद गरवी गुजरात भवन की उपस्थिति कई तरह की तरक्की लेकर आएगी। तय समय से पहले इस शानदार इमारत का निर्माण किया गया है। दो साल पहले सितंबर में मुख्यमंत्री जी ने इसका शिलान्यास किया था और आज सितंबर की शुरुआत में इसके उद्घाटन का मौका मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने मांगी क्षमा
पीएम मोदी ने जैन समाज के क्षमा पर्व का जिक्र करते हुए कहा- मैं अपनी किसी भी तरह की गलती के लिए आप लोगों, गुजरात के लोगों से क्षमा मांगता हूं। इसके बाद उन्होंने कहा, अब तो मैं दुनिया से भी क्षमा मांगता हूं।
पीएम मोदी ने कहा- यह सदन न्यू इंडिया की सोच का प्रमाण है जिसमें हम अपनी परंपराओं को आधुनिकता के साथ जोड़कर आगे बढ़ने की बात करते हैं। हम जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं और आसमान को छूना चाहते हैं। इसमें एक तरफ सोलर पावर जनरेशन की व्यवस्था है वहीं रानी की बाव भी है। इसमें कचरे के पुनर्चक्रण की भी व्यवस्था है। निश्चित तौर पर यह सदन गुजरात के आर्ट ऐंड क्राफ्ट और टूरिजम को प्रमोट करने के लिए बहुत अहम सिद्ध हो सकता है। देश की राजधानी में दुनियाभर के लोगों का आना जाना होता है। यहां ऐसी सुविधा का होना बहुत उपयोगी है।
उन्होंने कहा- एक समय में उत्तर भारत के लोगों को गुजरात का खाना पसंद नहीं आता था लेकिन आज लोग गुजराती खाने के बारे में पता लगाते हैं। गुजरात के लोगों की विशेषता है कि वे शनिवार और रविवार को घर में खाना नहीं बनाते और बाहर जाकर विदेशी डिश ढूंढते हैं लेकिन गुजरात के बाहर जाते हैं तो गुजराती डिश ढूंढते हैं।