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मुंबई: लिफ्ट के सहारे हुआ लालबाग के राजा का विसर्जन, 8 KM की विसर्जन यात्रा के लिए लगे 22 घंटे

महाराष्ट्र: विसर्जन के दौरान 16 लोगों की डूबकर मौत, अभी भी कुछ लोग हैं लापता

मुंबई, (राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र में गुरुवार को गणपति विसर्जन के साथ 10 दिन तक चलने वाला गणेशोत्सव श्रद्धा एवं हर्षोउल्लास के साथ संपन्न हुआ। रंग-गुलाल और ढोल-ताशों के बीच मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति ‘लालबाग के राजा’ व ‘मुंबई के राजा’ गणेशगल्ली का विसर्जन मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर किया गया। ‘लालबाग के राजा’ को लिफ्ट के सहारे समुद्र में विसर्जित किया गया। बप्पा की विसर्जन यात्रा तकरीबन 8 किलोमीटर की थी और उसे पूरा करने में तकरीबन 22 घंटे से अधिक का समय लगा।

ऐसे थी लाल बाग के राजा की यात्रा
लालाबाग के राजा को रविवार सुबह 10।30 बजे पंडाल से निकाला गया। फिर भारत माता थियेटर, साने गुरुजी मार्ग, भायखला पश्चिम, करी रोड, नागपाडा, डंकन रोड, दो टांकी, संत सेवा महाराजा मार्ग, महादेव बाग, ऑपेरा हॉउस होते हुए सोमवार सुबह 8।30 बजे गिरगांव चौपाटी लाया गया। इसके बाद बप्पा को क्रेन के सहारे एक विशेष नाव पर लेकर भक्तगण समुद्र के बीच पहुंचे और वहां बनी एक खास लिफ्ट की मदद से उनका विसर्जन किया गया।

चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस की नज़र
सभी प्रमुख विसर्जन स्थलों पर क्रेन, वॉचटावर और दूधिया रोशनी वाली लाइट लगाई गई थी। पूरी मुंबई में तकरीबन 50 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। मुंबई के 5 परिमंडलों की सुरक्षा की निगरानी आईजी रैंक के 5 अधिकारियों के जिम्मे सौंपी गई। पुलिस की मदद के लिए एसआरपीएफ की 12 टुकड़ियों को बुलाया गया था। बम निरोधक दस्तों और खोजी कुत्तों की भी तैनाती की गई है। ड्रोन से विसर्जन स्थलों की निगरानी की जा रही थी। ट्रैफिक व्यवस्था को काफी चुस्त-दुरुस्त बनाया गया था। जिससे लोगों को सड़कों पर भारी का सामना नहीं करना पड़ा। चारों तरफ जबरदस्त पुलिस बंदोबस्त था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नज़र थी।

प्रतिमा विसर्जन के दौरान 12 लोगों की डूबने से मौत
बता दें कि गुरुवार को मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया और इसके साथ ही 10 दिनों तक चलने वाला गणेशोत्सव ‘अनंत चतुर्दशी’ के अवसर पर संपन्न हो गया, लेकिन विसर्जन के दौरान लोगों के डूबने और लापता होने की घटनाओं ने कुछ जगहों पर माहौल को गमगीन कर दिया।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विसर्जन के दौरान रत्नागिरी जिले में तीन, नासिक, सिंधुदुर्ग, सतारा जिलों में दो-दो और धुले, बुलढाणा और भंडारा जिलों में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई। इसके अलावा विसर्जन के लिए गए करीब छह अन्य लोग लापता हैं और उनके भी डूबने की आशंका है।

2 सितंबर को शुरू हुआ था गणेशोत्सव
गणेश चतुर्थी के साथ 2 सितंबर को गणेशोत्सव शुरू हुआ था। प्रतिमा विसर्जन के लिए मुंबई महानगर,राज्य की सांस्कृतिक राजधानी पुणे के विभिन्न मंडलों और प्रदेश के अन्य हिस्सों में ढोल-ताशों के साथ श्रद्धालुओं ने पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ झांकियां निकालीं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा के विसर्जन से पहले पूजा-अर्चना की।

मुंबई में 129 स्थानों पर किया गया बप्पा का विसर्जन
मुंबई में गिरगांव चौपाटी, शिवाजी पार्क, जुहू, वर्सोवा और मार्वे बीच तथा कई तालाबों सहित 129 स्थानों पर प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर तक करीब 587 गणेश प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। विसर्जन को लेकर पूरे शहर में 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। 5,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से भी झांकियों पर नज़र रखीं जा रही थी।