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चुनाव आयोग का फरमान- न खर्च बढ़ेगा, न EVM हटेगी…

मुंबई, केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से साफ-साफ कह दिया है कि इस चुनाव में न तो चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाई जाएगी और न ही इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम हटाई जाएंगी। आयोग ने चुनाव के दौरान प्लाटिक के उपयोग से बचने की भी सलाह दी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में और ज्यादा केंद्रीय सशस्त्र बलों को तैनात करने की बात भी आयोग ने कही।
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। बुधवार की सुबह आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील अरोड़ा ने कहा कि कुछ दलों के प्रतिनिधियों ने चुनावी खर्च बढ़ाने की मांग की, तो कुछ ने खर्च कम करने की मांग रखी। कुछ ने ईवीएम के बारे में, तो कुछ ने वोटिंग लिस्ट में फर्जी लोगों के नाम शामिल करने का मामला उठाया। वहीं कुछ ने मुंबई में सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाने की मांग की। इसके बाद अरोड़ा ने साफ किया कि चुनाव आयोग न तो उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाएगा और न ही कम करेगा। रही बात ईवीएम की, तो उसे देश के सुप्रीम कोर्ट ने सही पाया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम में किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, इसलिए इसे तूल देने का कोई मतलब नहीं है। आयोग से जब चुनाव की तारीखों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी सूचना जल्द ही दी जाएगी।

एमएनएस से कोई नहीं आया
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का कोई भी प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिलने नहीं आया। राजनीतिक हलकों में पहले से ही यह चर्चा है कि राज ठाकरे लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार न उतारे। हालांकि चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, कोई आयोग से मिलने आए या न आए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि एमएनएस का प्रतिनिधि आएगा क्योंकि ईवीएम को लेकर राज ठाकरे ने ही आंदोलन की चेतावनी दी थी।

42 लाख से अधिक फर्जी मतदाता: कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव राजेश शर्मा के नेतृत्व में केंद्रीय चुनाव आयोग से मिलकर राज्य में 42 लाख से अधिक फर्जी मतदाता को मतदाता सूची से हटाने की मांग की। साथ ही ईवीएम की जगह पर मतपत्रों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। इस बारे में शर्मा ने बताया कि इस साल फरवरी में मुंबई में चुनाव आयोग के साथ बैठक के दौरान राज्य में लगभग 44.61 लाख फर्जी मतदाताओं की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने उन्हें बताया था कि 2.16 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं और ऐसे सभी मतदाताओं की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

86,000 मतदाताओं का नाम दो-दो जगहों पर
मुंबई बीजेपी अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने दावा किया कि शहर में 86,000 मतदाता ऐसे हैं, जिनके नाम एक से अधिक मतदाता सूचियों में हैं। लोढ़ा ने ऐसे मतदाताओं की सूची मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को सौंपी। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। लोढ़ा ने कहा कि उन्होंने मुंबई या देश के कुछ अन्य हिस्सों में एक निर्वाचन क्षेत्र से अधिक जगह दर्ज नामों का पता लगाने के लिए एक टीम बनाई जाए। लोढ़ा ने महाराष्ट्र चुनाव दिवाली से पहले कराने की मांग की ताकि अधिकतम लोग मतदान कर सकें, क्योंकि लोग दिवाली की छुट्टियों में बाहर चले जाते हैं।

NCP ने कसा चुनाव आयोग पर तंज
चुनाव आयोग के समक्ष एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ईवीएम को लेकर शंका व्यक्त की। आयोग से मुलाकात के बाद मलिक ने कहा कि ‘हमने ईवीएम के बारे में मौखिक रूप से बात की। उन्होंने दीवाली से पहले चुनाव कराने, तय खर्च सीमा बढ़ाने की मांग की।

शिवसेना को चाहिए 70 लाख
शिवसेना ने चुनाव आयोग से प्रत्येक प्रत्याशी की चुनाव खर्च की सीमा 28 लाख रुपये से बढ़ा कर 70 लाख रुपये करने की मांग की। चुनाव खर्च बढ़ाने की मांग बीजेपी ने भी की। बैठक में शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। देसाई ने कहा कि चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव ईवीएम और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से होंगे।