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EVM को लेकर पूर्वी यूपी में रातभर मचमच, अफजाल अंसारी ने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर दिया धरना

गाजीपुर/मिर्जापुर, लोकसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल नतीजों मे एनडीए की संभावित बनती सरकार से विपक्ष में हड़कंप मचा हुआ है। इसी के साथ ईवीएम विवाद का जिन्न भी एक बार फिर से जाग गया है। सोमवार देर रात ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और गठबंधन के प्रत्याशियों ने जमकर हंगामा किया। गाजीपुर में जिला प्रशासन और पुलिस से नोंकझोक के बाद गठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी धरने पर बैठ गए। प्रशासन की जद्दोजहद के बाद भी वह वहां से उठने को तैयार नहीं हुए। वहीं मिर्जापुर में कांग्रेस प्रत्याशी ललितेश पति त्रिपाठी ने ईवीएम को लेकर शिकायत की है। उन्होंने स्ट्रॉन्गरूम में अतिरिक्त 300 ईवीएम रखने की बात कहकर ईवीएम बदलने का आरोप लगाया है।
समाजवादी पार्टी (एसपी) के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा, हमने पत्र लिखकर अनुमति मांगी कि स्ट्रॉन्ग रूम के सामने हमारे प्रत्याशी और प्रत्याशी के लोग उपलब्ध रहेंगे और वह भी चौकीदारी करते रहेंगे। पत्र में हमने लिखा कि हमारे लोगों की 6-6 या 8-8 घंटे की ड्यूटी जो बनाई गई है हमें उसकी इजाजत दी जाए लेकिन वह अनुमति भी नहीं दे रहे हैं। जिला प्रशासन के लोग कह रहे हैं कि आपको कौन रोक सकता है। वहीं पुलिस के लोग हमें भगा रहे हैं। मऊ में भी देर रात स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर बवाल हुआ। एसपी मऊ सुरेंद्र बहादुर ने कहा, कुछ लोग सोशल मीडिया पर फैली अफवाह के बाद ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर इकट्ठा हो गए थे। उन्हें हल्का बल प्रयोग कर तितर-बितर किया गया। इलाके की कानून-व्यवस्था बरकरार है।

SDM से भिड़ गए अफजाल अंसारी
सोमवार देर रात यूपी के चंदौली, गाजीपुर और मिर्जापुर में रिजर्व ईवीएम को स्ट्रॉन्गरूम में रखने को लेकर विरोध के मामले सामने आए। खासकर मिर्जापुर और गाजीपुर में विपक्ष के नेता ईवीएम छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे हैं। इससे जिला प्रशासन को स्थिति संभालने में मुश्किलें आ रही हैं। यूपी के गाजीपुर के जंगीपुर में बने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर सोमवार की देर शाम गठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने अपने सैकड़ों समर्थकों संग पहुंचकर धरना दिया। जिला प्रशासन व पुलिस के समझाने पर भी वह नहीं माने और ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं है। उनके लोग खुद मशीन की निगरानी करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि चंदौली में भी ईवीएम बदलने की कोशिश हुई है। इस दौरान उनकी एसडीएम सदर और सीओ से तीखी बहस भी हो गई।
ईवीएम पर सवाल के जवाब में गाजीपुर के रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा, ईवीएम की निगरानी के लिए स्ट्रॉन्गरूम के 3 पॉइंट में प्रत्येक 8 घंटे में प्रत्याशी की ओर से एक-एक व्यक्ति का पास जारी करने के लिए एसडीएम को मेरे द्वारा अधिकृत किया गया है। 8 घंटे की एक शिफ्ट में 3 पॉइंट में एक-एक व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए प्रत्याशी आवेदन कर सकते हैं। लेकिन प्रत्याशी पॉइंट पर 1 से बढ़ाकर कभी 3 कभी 9 कार्यकर्तांओं की मांग कर रहे थे।
अफजाल ने कहा कि चंदौली में कुछ संदिग्ध ईवीएम पकड़ी गई हैं। ऐसे में हम लोग स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर ही रहेंगे और मतगणना तक निगरानी करेंगे। दल के शीर्ष नेताओं का भी निर्देश आया है कि स्ट्रॉन्ग रूम के आसपास अपने लोगों को तैनात करें ताकि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ न कर सके। वहीं चंदौली में सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र की रिजर्व ईवीएम को स्थानीय मंडी समिति में रखने को लेकर गठबंधन और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। यहां विधायक प्रभुनारायण यादव समेत तमाम नेता धरने पर बैठ गए उन्होंने जिला प्रशासन पर ईवीएम बदलने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

आरजेडी ने तस्वीरें पोस्ट कर लगाया आरोप
उधर बीएसपी ने ईवीएम की सील और टैग नम्बर चेक करने को लेकर पीठासीन अधिकारियों को अलर्ट करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को पत्र लिखा है। इसके अलावा बिहार में आरजेडी ने भी ईवीएम हैकिंग का आरोप लगाया है। आरजेडी का आरोप है कि बिहार के सारण और महाराजगंज के स्ट्रॉन्ग रूम के इर्द-गिर्द ईवीएम मशीनों से भरी गाड़ी पकड़े जाने की खबर ने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। आरजेडी ने चुनाव आयोग को बीजेपी का वर्कर बताते हुए आरोप लगाया, ‘हर संसदीय क्षेत्र में ट्रक, ट्रॉली, ऑटो यहां तक कि होटल और नालियों में EVM बिन सुरक्षा या मिलीभगत के साथ भटकते या फेंके मिल रहे हैं पर EC के पास कोई जवाब नहीं है।

ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका, विपक्ष में मची हड़कंप
ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए कुछ विपक्षी दलों ने यह सवाल उछाला है कि अगर कहीं VVPAT काउंट और EVM में दर्ज वोट अलग-अलग आए तो इस सूरत में क्या होगा? आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने तो मिसमैच की सूरत में पूरे चुनाव को रद्द करने की मांग की है। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने मतगणना की प्रक्रिया में कई समस्याओं का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग से चिंताओं को दूर करने की मांग की है। इसके अलावा विपक्षी दलों ने एग्जिट पोल्स को भी ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ की ढाल के रूप में बताया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग कई बार स्पष्ट कर चुका है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है। वह ओपन चैलेंज में हैकॉथन का भी आयोजन कर चुका है।