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बिहार का Covid ऐप देश में हिट, पीएम मोदी हुए मुरीद और कहा- ये देश भर में लागू करने लायक मॉडल

पटना: बिहार का अपना ऐप यानि Hit Covid App देश भर में हिट हो चुका है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐप की तारीफ की है। अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किए जाने की तैयारी है। इस ऐप को खासतौर से होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए बनाया गया है। इस काम में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को भी लगाया गया है। उन्हें दिए गए टैबलेट में Hit Covid App इंस्टाल किया गया है। इसके जरिए वे अपने क्षेत्र में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों का पूरा डाटाबेस तैयार करेंगी। इसी डाटा के आधार पर मरीजों की देखरेख सुनिश्चित की जाएगी।

पटना के डीएम ने दी थी पीएम को जानकारी
कोरोना की समीक्षा के दौरान मोदी को पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने इस ऐप की जानकारी दी थी। HIT Covid App के जरिए होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी मरीजों की सेहत का अपडेट हर दिन स्वास्थ्य विभाग को मिल जाता है। किस मरीज को होम आइसोलेशन में रहना है और किसे एडमिट करना है, यह भी अब ऐप से ही तय हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण के प्रबंधन के लिए इसी ऐप को अपडेट कर पूरे देश में लागू कराने की बात कही है।

17 मई को सीएम नीतीश कुमार ने लॉन्च किया था ऐप
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 17 मई को होम आइसोलेशन वाले मरीजों की देखरेख के लिए एचआईटी कोविड ऐप (होम आइसोलेशन ट्रैकिंग एंड्रॉयड ऐप एप्लीकेशन) लांच किया था। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एचआईटी कोविड ऐप का एक पेज का विवरण भेजा है।

इस मोबाइल ऐप को सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में विकसित किया है। ऐप का उद्देश्य राज्यभर में होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को उचित देखरेख के साथ ही समय से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। अमृत ने कहा कि ऐप को शुरू में परीक्षण के आधार पर पांच जिलों में लांच किया गया था। इसकी सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में शुरू किया गया है। हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जहां होम क्वारंटाइन मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 80,000 आशा या सहायक नर्स मिडवाइफ कार्यकर्ता और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) के जरिए ट्रेन्ड 15,000 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड रोगियों के घर-घर सर्वेक्षण के लिए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने सुपौल जिले में गंभीर रूप से बीमार दो कोविड रोगियों की पहचान करने में मदद की, जिन्हें समय पर चिकित्सा प्रदान की गई थी।

प्रत्येक एएनएम को आवंटित क्षेत्र में एक निर्धारित संख्या में होम आइसोलेटेड रोगियों का डेटा इस ऐप द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। वे उन मरीजों की नियमित देखरेख करेंगे। इसमें ऑक्सिजन सेचुरेशन स्तर तथा शारीरिक तापमान पर निगरानी, जैसे दो मुख्य मापदंड होंगे। एएनएम या स्वास्थ्यकर्मी द्वारा निगरानी के दौरान एकत्र सूचनाओं के आधार पर इन मरीजों को, होम आइसोलेशन में रहने देने अथवा तुरंत अस्पताल में भर्ती करने योग्य, श्रेणियों में सूचीबद्ध कर कार्यवाही की जाएगी।

ऐसे काम करता है होम आइसोलेशन ट्रैकिंग (HIT) ऐप
ऑक्सिजन और बुखार की पूरी जानकारी मरीज ऐप में हर दिन फीड करेगे।
संबंधित मरीज की जानकारी ऐप के जरिए स्वास्थ्य विभाग को मिलेगी।
ऐप के माध्यम से बताया जाएगा कि किस मरीज को किस तरह के इलाज की जरूरत है।
जरूरत पड़ने पर मरीज को नजदीकी कोविड केयर सेंटर में भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
HIT ऐप के माध्यम से होम आइसोलेशन में मरीजों के सिम्टम्स का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता सिम्टम्स का परीक्षण कर इन आंकड़ों को दर्ज करेंगे।
निगरानी जिला स्तर पर भी की जाएगी, इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में रखा जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपौल, गोपालगंज, औरंगाबाद, नालंदा तथा भागलपुर में ऐप का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।