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UP: भदोही में अवैध बैंक चलाने वाले तीन गिरफ्तार, दोगुना का लालच देकर जमा कराते थे पैसा!

भदोही: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में पुलिस ने शुक्रवार को अवैध बैंक चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। शनिवार को गिरफ्तार आरोपी खुद को नामी बैंक का सेवानिवृत्त अधिकारी बताता था। सभी आरोपी प्राइवेट गनर और लग्जरी वाहनों से लोगों को प्रभावित करते थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, साइबर सेल, क्राइम ब्रांच और ज्ञानपुर कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को अवैध बैंक चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले में एसपी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। शनिवार को पुलिस ने रमेश जायसवाल, निवासी सेक्टर नं. 9, ओबरा, सोनभद्र को भी गिरफ्तार कर लिया।

लग्जरी गाड़ियों में प्राइवेट गनर के साथ चलते थे
अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने बताया कि आरोपी अपने आप को एसबीआई का रिटायर्ड मैनेजर बताकर लोगों को गुमराह करता था। वर्तमान में बैंक की वाराणसी शाखा के कथित प्रबंधक के रूप में काम करता था। आरोपी कम पढ़े-लिखे लोगों को झांसे में लेकर कम समय में पैसे दोगुना, तिगुना करने के नाम पर जमा कराते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी भोले-भाले लोगों के पैसे से अय्याशी करते थे। प्राइवेट गनर के साथ लग्जरी गाड़ियों से लोगों को प्रभावित करते थे। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसआईटी जांच कर रही है। जल्द ही अन्य आरोपी दबोच लिए जाएंगे।
ज्ञानपुर के रामू गोंड की शिकायत के बाद शुक्रवार को पुलिस टीम ने अवैध रूप से चल रहे ‘बीएसएमजे क्वासी बैंक निधि’ का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान कथित चीफ एमडी मुरारी कुमार निषाद, निवासी हरिहरपुर, जौनपुर और मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक कुमार, निवासी चूड़ी गली, सोनभद्र के रूप में हुई है।
एसपी ने बताया कि जंगीगंज में इसकी तीन शाखाएं थीं, जो बंद हो चुकी हैं। वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, आजमगढ़ और गाजीपुर में अवैध बैंक की 38 शाखाएं हैं। आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज करने के साथ संपत्ति के संबंध में कार्रवाई की जा रही है।

बेरोजगारों को मोहरा बनाकर खुलवाते थे बैंक खाते
भदोही जिले में फर्जी बैंक मामले ने सभी को चौंका दिया है। बड़े स्तर पर चल रहे इस खेल में गरीबों के मेहनत की गाढ़ी कमाई लगी हुई है। आरोपी लोगों को फंसाने के लिए स्थानीय स्तर पर बेरोजगार युवाओं को मोहरा बनाते थे। जिले में शाखाएं खोलने के बाद वहां युवाओं को नौकरी देते थे। उसके बाद उन्हीं के माध्यम से लोगों को बैंक में जोड़ते जाते। इनके इरादों से बेखबर लोग पैसा दुगुना होने की लालच में जमा करते रहे। अब जब मामले का खुलासा हो गया है तो लोगों को अपने पैसों की चिंता सताने लगी है। फिलहाल, मामले की जांच एसआईटी के हाथों में है।