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UP हाथरस गैंगरेप: एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा- नहीं हुई दुष्कर्म की पुष्टि, माहौल खराब करने वालों पर होगी कार्रवाई, गले में चोट की वजह से हुई मौत

नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप का शिकार हुई 19 वर्षीय दलित युवती की मंगलवार को मौत होने के बाद से ही पूरा देश आक्रोशित है। इसी बीच परिवार की गैरमौजूदगी में पुलिस द्वारा युवती का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोका लिया। यमुना एक्सप्रेस वे पर धक्कामुक्की, झड़प के बाद पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। वहीं हाथरस की सीमाएं पहले से ही सील कर दी गई हैं। हाथरस में धारा 144 लागू है।
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के अन्य नेता गुरुवार सबह दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट फ्लाईवे (डीएनडी) बॉर्डर को पार कर हाथरस के लिए रवाना हुए, थोड़ी दूर चलने के बाद ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे पर पुलिस ने कांग्रेस नेताओं का काफिला रोक दिया। जिसके बाद राहुल और प्रियंका पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पैदल ही हाथरस के लिए चल पड़े। काफी दूर तक चलने के बाद पुलिस ने फिर पैदल चल रहे नेताओं को हाथरस जाने से रोक दिया जिसके बाद पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। राहुल गांधी के साथ धक्कामुक्की की गई जिससे वो सड़क पर गिर पड़े। इसके बाद वे धरने पर बैठ गए।

पुलिस से झड़प के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा- हमें हाथरस जाने से रोका गया। राहुल जी के साथ हम सब पैदल निकले तो बारबार हमें रोका गया, बर्बर ढंग से लाठियां चलाईं, कई कार्यकर्ता घायल हैं। मगर हमारा इरादा पक्का है। एक अहंकारी सरकार की लाठियां हमें रोक नहीं सकतीं। काश यही लाठियां, यही पुलिस हाथरस की दलित बेटी की रक्षा में खड़ी होती। प्रियंका ने कहा, महिलाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी योगी सरकार को लेनी होगी, जिस तरह से प्रदेश में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहें, ये बंद होने चाहिए। यही स्थिति पिछले साल भी थी। पिछले साल तकरीबन इसी समय हम उन्नाव की बेटी की लड़ाई लड़ रहे थे। प्रदेश में हर रोज़ रेप हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा, हम हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने जा रहें हैं और न्याय दिलाने के लिए किसी की परमिशन नहीं चाहिए होती है।
हाथरस में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

पीड़िता के घर पुलिस का पहरा
इस पूरे मामले की जांच के लिए गठित SIT की टीम भी पीड़िता के गांव पहुंच गई है। परिवार से पूछताछ की जा रही है। हाथरस में पीड़िता के घर पर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। पीड़िता के घर के कुछ दूरी पर ही पुलिस ने बेरिकेड लगा रखे हैं और किसी को आने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

जबरन रेप की पुष्टि नहीं, फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार-पुलिस
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी। युवती ने अपने बयान में भी सिर्फ मारपीट का जिक्र किया था। अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर चोटों के निशान का उल्लेख है, लेकिन जबरन सेक्सुअल इंटरकोर्स की पुष्टि नहीं हुई है।
एडीजी ने कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के खिलाफ गलत बयानी की गई और पुलिस की छवि को खराब किया गया। अब ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जानें- पूरा मामला
14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में चंदपा थाना क्षेत्र की रहने वाली 19 वर्षीय युवती को दरिंदों के हवस का शिकार बनाया। युवती पशुओं का चारा लेने खेत पर गई थी, इसी दौरान गांव के ही चार युवकों ने युवती को उसके गर्दन में पड़े दुपट्टे से खींच लिया। गैंगरेप के बाद हैवानों ने युवती की जीभ काटी, रीढ़ की हड्डी तोड़ी, गला घोंटने की कोशिश की। जिससे वह न तो बोल सके और न ही चल सके। वारदात के बाद युवती कई दिनों तक बेहोश रही। शुरुआती इलाज के लिए उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
21 सितंबर को युवती के होश में आने के बाद की गई डॉक्टरी परीक्षण के दौरान मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा। युवती ने आरोपियों के नाम बताए। बाद में हालत बिगड़ने पर सोमवार को उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में रेफर किया गया। मंगलवार सुबह करीब 4 बजे युवती की मौत हो गई। घटना यहीं नहीं खत्म हुई। मौत के बाद युवती का पुलिस ने जबरन रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद से लोगों में और गुस्सा फूट पड़ा है। गैंगरेप करने वाले आरोपियों की पहचान पीड़िता के गांव के ही रहने वाले लवकुश, संदीप, रवि और रामू के रूप में हो चुकी है। आरोपियों को दुष्कर्म, हत्या के प्रयास और एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लेते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी किया है। सरकार को 4 हफ्तों के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है।
मानव अधिकारआयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि, मामला दो समुदायों के बीच का है इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतका के परिवार और गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा दे। डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है ताकि शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित की जा सके और दोषियों को बिना देरी के अदालत द्वारा दंडित किया जा सके। नोटिस में यह भी कहा गया है कि, मौजूदा हालात को देखते हुए मृतका के परिवार के साथ-साथ गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति के अन्य सदस्यों को भी उचित सुरक्षा दी जाए।