मुंबई शहरशहर और राज्य ..अब मुंबईकरों को घर के पास मिलेगी खून जांच की सुविधा 17th January 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , ‘आपली चिकित्सा’ के माध्यम से आम मुंबईकरों का बेहतर पैथॉलजी सुविधा का सपना पूरा होने जा रहा है। बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका की स्थाई समिति से मंजूरी मिलने के बाद यह सुविधा 45 दिनों के अंदर शुरू हो जाएगी। जानकार इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर मान रहे हैं। काफी खींचतान और विचार-विमर्श के बाद इसे मंजूरी दी गई है। यह सुविधा गरीबों को मुफ्त और बाकी से 50 और 100 रुपये में मिलेगी। मामूली बुखार होने की स्थिति में भी लोग पास के सुविधाविहीन दवाखानों की बजाय बड़े अस्पताल की ओर रुख करते हैं। इसके चलते अस्पतालों में भीड़ बढ़ती है। नई व्यवस्था में दवाखानों के साथ-साथ उपनगर के 16 अस्पतालों में (जहां अभी सुविधा नहीं है) खून के जांच की सुविधा होगी। इन अस्पतालों में यह सेवा 24 घंटे रहेगी। इसमें सभी 139 प्रकार के टेस्ट होंगे। इससे बीएमसी के दवाखानों में भीड़ लौटेगी और बड़े अस्पतालों को भीड़ से राहत मिलेगी। साथ ही, अस्पतालों में जाने वालों को सभी प्रकार की जांच सुविधा भी मिल सकेगी।लैब की लूट से मिलेगी छुट्टी :बीएमसी के दवाखानों, अस्पतालों में प्राइवेट लैब का व्यक्ति मरीज का खून लेगा और तय समय में रिपोर्ट बीएमसी को मुहैया करा देगा। हर टेस्ट के लिए अलग-अलग समय लगता है, इस अनुसार जांच रिपोर्ट 6 घंटे से लेकर 5 हफ्तों में मिलेगी। इससे आम मुंबईकरों को प्राइवेट लैब की मोटी फीस से छुटकारा मिल जाएगा। सामान्य परिवार को खून की जांच कराने के लिए कई बार हजारों रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। फीस पर हुई रस्साकसी : आपली चिकित्सा की फीस में कई तरह के बदलाव सुझाए गए। पहले नेता प्रतिपक्ष रवि राजा ने इसे मुफ्त करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सहमति नहीं बन पाई। बाद में बीजेपी ग्रुप नेता मनोज कोटक ने गरीबों को मुफ्त और बाकी से 50 और 100 रुपये क्रमश: लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे शिवसेना के समर्थन से मंजूर कर लिया गया। प्रस्ताव पर करीब 20 मिनट तक चर्चा हुई। कुंदन की दिमागी उपज : बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की तर्ज पर पैथॉलजी सेवा सभी को पूरे समय उपलब्ध कराने का आइडिया अडिशनल कमिश्नर आईए कुंदन का था। करीब दो साल पहले जम्मू-कश्मीर की महिला आईएएस कुंदन की परिकल्पना पर काम शुरू हुआ। शुरुआत में पूरे मुंबई में केवल एक ही एजेंसी को नियुक्त किए जाने की योजना थी, जिसका टेंडर भी निकला था। लेकिन कई दिक्कतों के बाद इसे रोक दिया गया। फिर मुंबई को तीन हिस्से में बांटकर नए सिरे से टेंडर निकाले गए। पूरी प्रक्रिया के बाद इसे मंजूरी के लिए भेजा गया। बड़े अस्पतालों का भार होगा कम :शुरुआत में प्रस्ताव मुफ्त में जांच करने का था, जिसके दुरुपयोग की आशंका के मद्देनजर टलता रहा। लेकिन अंतत: जनवरी में इसे अंतिम मंजूरी के लिए लाया गया। प्रस्ताव पास होने से बेहद संतुष्ट कुंदन ने कहा कि आपली चिकित्सा के माध्यम से आम मुंबईकर को बेहतर सुविधा देने के लिए बीएमसी प्रतिबद्ध है। यह बड़े अस्पतालों से भार कम करने में निर्णायक साबित होगी। साथ ही, इस प्रॉजेक्ट को अमलीजामा पहनाने में समाजवादी पार्टी के ग्रुप नेता रईस शेख भी लगातार कोशिश करते रहे। Post Views: 191