दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य कर्नाटक गेम: ‘अल्पमत’ में कुमारस्वामी सरकार, अब BJP के पक्ष में आंकड़ों का गणित… 8th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this संकट में कुमारस्वामी सरकार बेंगलुरु/ मुंबई, कर्नाटक की सियासत में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। कुमारस्वामी सरकार के 31 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। कांग्रेस के 21, जेडीएस के 9 और एक निर्दलीय (एच नागेश) के इस्तीफे ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। हालांकि सीएम एचडी कुमारस्वामी अब भी कह रहे हैं कि मौजूदा सियासी संकट से सरकार को कोई खतरा नहीं है और वे बातचीत के जरिए मसले को सुलझा लेंगे। दरअसल, यह सियासी संकट उस वक्त और गंभीर हो गया जब शनिवार को जेडीएस और कांग्रेस के 13 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए और राज्य की एचडी कुमारस्वामी सरकार गंभीर संकट में फंस गई। इस बीच, राज्य सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस भी ऐक्टिव है। कांग्रेस ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने के लिए उसके मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर हुई कांग्रेस मंत्रियों की अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी हिस्सा लिया। हालांकि, मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी कुमारस्वामी सरकार का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। अगर जेडीएस-कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष स्वीकार कर लेते है तो आंकड़ों का गणित बीजेपी के पक्ष में हो जाएगा। यहाँ आपको समझाते हैं कर्नाटक का सियासी ‘नाटक’… सियासी संकट की शुरुआत : कर्नाटक में आए इस राजनीतिक संकट की शुरुआत 15 मई, 2018 को ही हो गई थी। राज्य विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं और बहुमत से मात्र 9 सीटें दूर रह गई। कांग्रेस को 80 सीटें और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं। 17 मई 2018 को बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नाराज सिद्धारमैया की सलाह राहुल ने नहीं मानी : बीएस येदियुरप्पा बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा जुटा नहीं सके और 19 मई 2018 को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर राज्य में गठबंधन सरकार बनाई। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने। उधर, कांग्रेस की ओर से जी परमेश्वर डेप्युटी सीएम बने। इस गठबंधन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया नाराज हो गए और उन्होंने राहुल गांधी को इस गठबंधन को तोड़ने की सलाह दी। सिद्धारमैया की सलाह को राहुल ने नकार दिया।सात कांग्रेसी विधायकों का बगावत : साल की शुरुआत में 15 जनवरी 2019 को कांग्रेस के सात विधायकों ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी। उन्हें पवई के एक होटल ले जाया गया। 17 जनवरी 2019 को बीजेपी के सभी विधायकों को गुरुग्राम के होटल ले जाया गया ताकि कांग्रेस-जेडीएस के तोड़फोड़ के किसी प्रयास को रोका जा सके। 4 जून 2019 को एएच विश्वनाथ ने जेडीएस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर सीधा निशाना साधा।विधायकों के इस्तीफे से सियासी भूचाल : कर्नाटक में ताजा राजनीतिक संकट की शुरुआत शनिवार को हुई जब जेडीएस और कांग्रेस के 12 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने सोमवार को अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इन 13 विधायकों के बाद निर्दलीय विधायक नागेश ने भी इस्तीफा दे दिया। नागेश मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं जहां पहले से ही कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक एक होटल में मौजूद हैं। निर्दलीय विधायक नागेश ने गवर्नर को पत्र लिखकर कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि बीजेपी समर्थन मांगती है तो वह उसके साथ हैं।मंत्रियों के इस्तीफे, कुमारस्वामी की मीटिंग : जेडीएस-कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के समय मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका में थे और तत्काल बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। कुमारस्वामी रविवार को बेंगलुरु पहुंचे और अपने पिता एचडी देवगौड़ा तथा कांग्रेस नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई। बैठक के बाद कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के बाद जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।सिद्धारमैया की नाराजगी पड़ी सरकार को भारी : इस बीच ऐसी अटकले हैं कि सरकार पर आए संकट को थामने के लिए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। कांग्रेस के जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उनमें ज्यादातर सिद्धारमैया के समर्थक हैं। उधर, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस पूरे संकट के पीछे सिद्धारमैया ही हैं। सिद्धारमैया की कुमारस्वामी से निजी दुश्मनी है और उन्होंने कई बार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से इस गठबंधन को तोड़ने के लिए कहा है। हालांकि सिद्धारमैया के नाम पर जेडीएस तैयार होगी या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा। उधर, सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व ‘ऑपरेशन कमल’ के तहत कर्नाटक सरकार को गिराना चाहता है।संकट में घिरी कुमारस्वामी सरकार : इन 14 विधायकों के इस्तीफे ने 13 माह पुरानी एच. डी. कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार को गहरे संकट में डाल दिया है। बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर हुआ तो 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा की स्ट्रेंथ घटकर 210 हो जाएगी। कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन अब तक 14 लोगों के इस्तीफे के बाद गठबंधन के पास 104 का ही समर्थन (स्पीकर को छोड़कर) है। दूसरी तरफ बीजेपी के पास कुल 105 विधायक हैं और नागेश के समर्थन से उसका आंकड़ा 106 होगा, जो मौजूदा संख्या के अनुसार सरकार गठन के लिए जरूरी है।तो क्या मध्यावधि चुनाव होगा? : इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है। बीजेपी के नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं। रविवार को पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इस पर हमारी नजर है। देखें और इंतजार करें। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर मध्यावधि चुनाव नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यदि गठबंधन सरकार गिरती है तो हम सरकार बनाएंगे। एक बागी विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल ने भी कहा कि भविष्य साफ है सभी 13 विधायक बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।बीजेपी ने बुक किए 30 कमरे : बीजेपी नेता भले ही कुछ भी स्पष्ट रूप से कहने से बच रहे हों लेकिन सरकार बनाने की उनकी तैयारी पूरी नजर आ रही है। बीजेपी ने सोमवार शाम 5 बजे येलाहंका के नजदीक 5 स्टार होटल में विधायक दल की बैठक बुलाई है। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने अपने 105 विधायकों के लिए 30 रूम बुक किए हैं और अभी कुछ और दिन उन्हें वहां रोका जा सकता है। संसद में भी कर्नाटक पर हंगामा : कर्नाटक संकट पर आज संसद में हंगामा भी है। कर्नाटक के मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पूरे संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस मुद्दे पर कहा कि कर्नाटक में आज जो कुछ हो रहा है, उससे बीजेपी का कोई संबंध नहीं है, हमने कभी भी इस तरह से किसी पर दवाब नहीं बनाया है। मुंबई में कब-कब क्या हुआ? : कर्नाटक के सियासी ड्रामे का केंद्र मुंबई रहा। कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायक इस्तीफा देने के बाद मुंबई के एक पांच सितारा होटल में ठहरे हुए हैं। उधर, सोमवार को निर्दलीय विधायक और कुमारस्वामी सरकार में मंत्री नागेश भी इस्तीफा देकर विशेष विमान से सीधे मुंबई पहुँच गए। अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुंबई में बीजेपी इन सभी बागी विधायकों का खास ख्याल रख रही है। यह भी बताया जा रहा है कि जिस चार्टर्ड प्लेन से बागी विधायक मुंबई पहुंचे, वह बीजेपी के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर से जुड़ी कंपनी का है। उधर, बीजेपी नेता इन सभी बागी विधायकों को मुंबई में मंदिरों के दर्शन करा रहे हैं। कुछ विधायक यहां से शिरडी भी जाने की तैयारी में हैं।बताया जा रहा है कि मुंबई में जिस फाइव स्टार होटल में यह सभी विधायक ठहरे हुए हैं, वहां बीजेपी इनका पूरा ख्याल रख रखी है। इसके लिए बीजेपी नेता जतिन देसाई को जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। सोमवार सुबह होटल में नाश्ते के बाद कई विधायक सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे और दर्शन किया। इस दौरान बीजेपी नेता ने मंदिर दर्शन के लिए उन्हें विशेष इंतजाम कराया। CM फडणवीस के करीबी पर है जिम्मेदारी…उधर, इन सभी विधायकों को मुंबई लाने और यहां फाइव स्टार होटल में ठहराने के साथ-साथ सभी इंतजाम की जिम्मेदारी सीएम देंवेंद्र फडणवीस के करीबी और बीजेपी नेता प्रसाद लाड पर है। मुंबई के सोफिटेल बीकेसी होटल के बाहर भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड डटें हैं। यह भी बताया जा रहा है कि फडणवीस बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा से सीधे संपर्क में हैं। हालांकि लाड ने इस बात से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, मैं बाल कटवाने और कुछ जानने वालों से मिलने के लिए होटल गया था। मेरे वहां जाने का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। सोफिटेल बीकेसी होटल के बाहर भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड होटल के बाहर सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त…जानकारी के मुताबिक ये सभी बागी विधायक इस पांच सितारा होटल में जिन कमरों में ठहरे हुए हैं, वे कमरे लगभग पूरे साल महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पहले से ही बुक रहते हैं। इतना ही नहीं इस होटल के बाहर मुंबई पुलिस की कड़ी निगरानी भी है। पुलिस के साथ- साथ खुफिया एजेंसियां भी यहां आने- जाने वालों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। जिस फाइव स्टार होटल में ये विधायक ठहरे हैं, उसके बाहर रविवार को दिनभर काफी गहमा-गहमी रही। स्थानीय विधायक एवं विधानसभा में उप गटनेता नसीम खान की अगुवाई में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने होटल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने होटल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया बीजेपी नेता का दावा, 5 और विधायक आएंगे साथ…उधर, महाराष्ट्र बीजेपी के एक नेता ने दावा किया है कि मंगलवार तक जेडीएस और कांग्रेस के 5 और विधायक उनके साथ होंगे। उन्होंने कहा, अगर 5 और विधायक हमारे साथ आ जाते हैं तो फिर उनके पास विधानसभा में बहुमत नहीं होगा। हम अपने ऑपरेशन में 50 फीसदी सफल हो चुके हैं। बागी विधायकों की मांग, मुख्यमंत्री पद से हटें कुमारस्वामी Post Views: 195