ठाणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य कोविड-19 लॉकडाउन के बीच नवजात के लिए फरिश्ता बना डॉक्टर, ऐसे बचाई जान… 12th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नवजात शिशु को मोटरसाइकिल पर ले जाते डॉक्टर और नर्स मुंबई: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा ऐसे ही नहीं दिया जाता। यह कहावत कई बार सच साबित होते देखा गया है।मुंबई के पास स्थित अलीबाग शहर में एक नवजात के लिए लॉकडाउन के बीच एक डॉक्टर नवजात शिशु को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर शिशुओं के एक अस्पताल में लेकर गया। बच्चे को जन्म के कुछ ही मिनटों बाद श्वसन संबंधी कोई दिक्कत हो गई थी।अलीबाग निवासी श्वेता पाटिल को शुक्रवार तड़के प्रसव पीड़ा शुरू हुई और उसका पति केतन कोविड-19 लॉकडाउन के बीच उसे नजदीक के एक नर्सिंग होम लेकर गया। दरअसल, दंपत्ति ने अपने पहले बच्चे को जन्म के कुछ ही घंटों बाद खो दिया था और इस बार उनके लिए सही समय पर सही देखभाल मिलना बहुत जरूरी था।श्वेता के पति केतन ने बताया कि उसे मधुमेह है और उसे अपने इंसुलीन के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए दवाएं लेनी पड़ती हैं।श्वेता की हालत पर विचार करते हुए स्थानीय स्त्री रोग विशेषज्ञ ने नवजात शिशु और बच्चों के चिकित्सक डॉक्टर राजेंद्र चंदोरकर को मदद के लिए बुलाया। चंदोरकर ने बताया कि सी-सेक्शन किया गया और 3.1 किलोग्राम का लड़का पैदा हुआ। लेकिन डॉक्टर के सामने तब समस्या खड़ी हुई जब नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वह नीला पड़ गया। उन्होंने बताया कि बच्चे को फौरन नवजात संबंधी देखभाल की आवश्यकता थी।लॉकडाउन के कारण यातायात का कोई साधन न होने के चलते नवजात को डॉक्टर के दुपहिया वाहन पर चंदोरकर के अस्पताल ले जाया गया जो 1.5 किलोमीटर दूर था।उन्होंने बताया, मैंने बच्चे को नवजात शिशुओं के आईसीयू में भर्ती कराया और उसे ऑक्सीजन दी तथा 12 घंटे के बाद उसकी हालत स्थिर हुई। उन्होंने कहा, यह मेरे लिए अनोखा अनुभव था। बच्चे ने जांच के दौरान मेरी ऊंगली पकड़े रखी और मैं उसे बस यह आश्वासन देना चाहता था कि वह सुरक्षित है और जल्द ही ठीक हो जाएगा! Post Views: 190