उत्तर प्रदेशदिल्लीमनोरंजनमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य क्रूज जहाज छापेमारी: नवाब मलिक का आरोप बेबुनियाद, मोहित भारतीय बोले- 100 करोड़ की मानहानि का दावा करूंगा 10th October 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: क्रूज ड्रग्स पार्टी पर एनसीबी की रेड को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एनसीबी को लगातार घेरने की कोशिश में लगे उद्धव सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि क्रूज पर हुई ड्रग्स पार्टी में 1300 लोगों में से एनसीबी ने 11 लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन इनमें से 3 लोगों को छोड़ दिया गया। इनमें से एक ऋषभ सचदेवा बीजेपी के पूर्व युवा मोर्चा के अध्यक्ष (भाजपा नेता) मोहित भारतीय का साला है। उन्होंने पूरे मामले की जांच लिए आयोग बनाने की मांग की है। साले ऋषभ सचदेवा के साथ मोहित भारतीय (फाइल फोटो) शनिवार को इस पर पलटवार करते हुए मोहित भारतीय ने मलिक के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वे नवाब मलिक के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा करेंगे। वहीं एनसीबी ने मलिक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। एनसीबी ने कहा है कि क्रूज जहाज पर की गई छापेमारी और मादक पदार्थों की बरामदगी के सिलसिले में एजेंसी के पास पुख्ता सबूत है। किसके आदेश पर तीन को छोड़ा गया? नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस में एक वीडियो दिखाया, जिसमें ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाभा और अमीर फर्नीचरवाला अपने रिश्तेदार के साथ एनबीसी कार्यालय से बाहर आते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रूज पर 1300 लोगों पर रेड मारी गई थी। रेड की कार्रवाई 12 घंटे तक चली। इसमें से 11 लोगों को हिरासत में लिया गया। इन सभी को एनसीबी कार्यालय लाया गया। मलिक ने आरोप लगाया कि इनमें से तीन लोगों को दिल्ली के नेताओं के आदेश मिलने के बाद छोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि क्रूज पर छापेमारी एक फर्जीवाड़ा था। यह सेलिब्रिटी को बुलाकर उन्हें परेशानी में डालने का मामला है। ऐसे में एनसीबी के जोनल अधिकारी समीर वानखेडे को यह बताना चाहिए कि तीनों को क्यों छोड़ा गया और किसके कहने पर छोड़ा गया? निष्पक्ष जांच के लिए CM को पत्र लिखेंगे मलिक ने कहा कि ऋषभ सचदेवा जब बाहर निकले तो उनके साथ उनके पिता और चाचा भी थे। इन तीनों व्यक्तियों के रिश्तेदार एनसीबी कार्यालय कैसे पहुंचे, ऐसे में यदि पुलिस ऋषभ सचदेवा के पिता, चाचा और जोनल अधिकारी समीर वानखेडे की कॉल डिटेल की जांच करती है तो सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि तीनों को केंद्र के भाजपा नेताओं के दबाव में छोड़ा गया है। अब यह साबित हो गया है कि एनसीबी की कार्रवाई में शुरु से ही भाजपा का संबंध है। यह सब अदालत में साबित हो जाएगा, लेकिन यह जनता की अदालत में सामने लाना जरूरी था, इसलिए यह प्रकरण सबसे सामने रखा गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर मेरी बातों को गलत बता रहे है, इसलिए इस पूरे मामले की जांच के लिए आयोग बैठा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए वे मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखेंगे, ताकि सच जनता के सामने आ सके। बता दें कि एनसीपी नेता मलिक ने दावा किया कि इस मामले के जरिए एनसीबी बॉलीवुड फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को टारगेट करना चाहती है। क्योंकि यह पहले से कहा जा रहा है कि अब शहरुख खान की बारी है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने एनसीबी द्वारा केपी गोसवी व भानुशाली को मामले में पंच विटनेस बनाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गोसावी पहले से धोखाधड़ी के मामले में फरार है। ऐसे में उससे मामले से जुड़े पंचनामे पर कैसे दस्तखत कराए जा सकते है। उन्होंने कहा कि मामले में आर्यन खान का बयान कम्प्यूटर पर टाइप किया गया है जबकि मनुमुन का बयान हाथ से लिखा गया है। आखिर यह कैसे हुआ है? उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने भी इस मामले की जांच शुरु की है। पुलिस को घटना से जुड़े सारे वीडियो व फुटेज जांच के लिए देना चाहिए। जिससे सच्चाई लोगों के सामने आ सके। जांच का सामना करने के लिए तैयार: मोहित मुंबई भाजपा के पूर्व महासचिव मोहित भारतीय ने इस मामले पर कहा कि मंत्री नवाब मलिक ने बिना किसी सबूत के आरोप लगाए हैं। ऐसे में वे उनके खिलाफ सौ करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा करेंगे। भारतीय ने कहा कि ऋषभ सचदेव मेरे साले हैं और उस दिन क्रूज पर जाने वाले सैकड़ों यात्रियों में शामिल थे। उसे भी पूछताछ के लिए एनसीबी दफ्तर लाया गया, लेकिन जांच-पड़ताल के बाद छोड़ दिया गया। ऋषभ सचदेव का आर्यन खान से कोई संबंध नहीं है। भारतीय ने कहा कि नवाब मलिक पहले से उनसे खार खाए हुए हैं। कुछ साल पहले जुहू के एक बिल्डर से मलिक के परिवार के लोगों ने शिकायत वापस लेने के लिए 50 लाख रुपए की मांग की थी। इस मामले में मैंने हस्तक्षेप किया था और खुद मलिक से मुलाकात की थी। मोहित भारतीय ने कहा कि वे पहले मुंबई भाजपा के महासचिव थे, लेकिन अब पार्टी में सक्रिय नहीं हैं। हालांकि, वे खुद को भाजपा समर्थक बताते हैं। उन्होंने कहा कि वे और उनका परिवार किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार है। एक सवाल के जवाब में मोहित ने कहा कि मेरे साले को एनसीबी ऑफिस ले जाने की जानकारी मिलने के बाद मेरे ससुर एनसीबी ऑफिस गए थे। ऐसे वक्त में परिवार का साथ खड़ा रहना स्वभाविक है। मेरे ससुर के कॉल रिकार्ड की भी जांच करा ली जाए। Post Views: 172