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चंद्रकांत पाटिल बोले- देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री बनने में कुछ भी अप्रत्याशित नहीं!

मुंबई: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संग्राम में आखिरकार शिवसेना के बागी गुट की जीत हुई और अब महाराष्ट्र की कमान एकनाथ शिंदे के हाथ में आ गई है। शिवसेना के बागी विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना भी ली है।
इस बीच बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की नई सरकार में देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री बनने में कुछ भी अप्रत्याशित नहीं है।
महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे पता है कि कल की घटना से कई लोग स्तब्ध हैं। लेकिन जो देवेंद्र फडणवीस के साथ हुआ वह अप्रत्याशित नहीं था। बीजेपी ने हिंदुत्व की विचारधार को आगे ले जाने के लिए शिंदे का सीएम पद के लिए समर्थन किया है। लेकिन एकनाथ शिंदे ने खुद देवेंद्र फडणवीस को मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया। इसलिए देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में हमारे नेताओं से अनुमति मांगी।


चंद्रकांत पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपने कनिष्ठ के अधीन काम करने के लिए वास्तव में बड़े दिल की जरूरत होती है। साल 2014 से 2019 तक जब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की सरकार थी तब एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस के कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं।
बता दें कि गुरुवार को बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के सामने आकर ऐलान किया था कि शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। पहले उन्होंने कहा कि वो खुद नई सरकार का हिस्सा नहीं रहेंगे लेकिन, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मनाने पर उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 3 जुलाई से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। जहां एकनाथ शिंदे को चार जुलाई को बहुमत साबित करना होगा। राजभवन की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 3 और 4 जुलाई को होगा।

उद्धव ठाकरे ने लिया एकनाथ शिंदे पर एक्शन
वहीँ शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर शिवसेना में सभी पदों से हटा दिया है।
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नाम से एक लेटर जारी करते हुए लिखा कि हाल ही में यह देखा गया है कि आप पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। इसके साथ ही लेटर में कहा गया कि आपने शिवसेना की सदस्यता छोड़ दी है। इसलिए आपके खिलाफ ये कार्रवाई की जा रही है।
उद्धव ने कहा कि शिवसेना का पक्ष प्रमुख होने के नाते मैं अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए एकनाथ शिंदे को पार्टी के सभी पदों से मुक्त करता हूं।

राहुल नार्वेकर ने विधानसभा स्पीकर के लिए दाखिल किया नामांकन, 3 जुलाई को होगा चुनाव
महाराष्ट्र में गुरुवार को हुए सत्ता परिवर्तन के बाद एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के नए सीएम के रूप में और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
इस बीच पिछले डेढ़ साल से खाली पड़े महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर पद के लिए शुक्रवार को कोलाबा विधानसभा से बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। अगर स्पीकर पद के लिए और भी उम्मीदवार सामने आए यानी अगर आवश्यकता पड़ी तो इसके लिए 3 जुलाई को चुनाव होंगे। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर कांग्रेस के नेता नाना पटोले थे। उनके पद छोड़ने के बाद से ही यह जगह खाली पड़ा है। इस पद के लिए नामांकन 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे।

हमें स्पीकर चुनाव की नहीं मिली थी इजाजत: कांग्रेस
वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने आरोप लगाते हुए पूछा है कि जब उन्होंने (राज्यपाल ने) पहले इसी प्रक्रिया में सहमति देने से इनकार कर दिया था, तो अब कैसे दे सकते हैं? थोरात ने कहा, हमें गवर्नर की ओर से जवाब मिला था कि मामला अदालत के विचाराधीन है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले ही स्पीकर का चुनाव ध्वनि मत से कराने के हमारे फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था और यह सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। कांग्रेस नेता ने गवर्नर से सवाल किया है कि क्या गवर्नर ध्वनि मत या गुप्त मतदान के जरिए चुनाव की अनुमति देंगे? उन्होंने इस साल 15 मार्च का एक चिट्ठी भी दिखाया, जिसके जरिए दावा किया कि राजभवन ने स्पीकर के चुनाव के एमवीए सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया था।

एमवीए उतारेगी साझा उम्मीदवार
इस बीच एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया है कि शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है, यदि उन्होंने स्पीकर के चुनाव में एमवीए उम्मीदवार के समर्थन में वोट नहीं डाला। उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इस पद के लिए साझा उम्मीदवार उतारेगी।
गौरतलब है कि राज्य के नए सीएम एकनाथ शिंदे को सोमवार यानी 4 जुलाई को विधानसभा में बहुमत परीक्षण करना है।