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पवार माने या नहीं, क्या नए राकांपा चीफ को लेकर हुई बातचीत; प्रफुल्ल पटेल ने दी ये जानकारी

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि जब तक शरद पवार पद से हटने के अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते, तब तक वह पार्टी प्रमुख बने रहेंगे और उनके उत्तराधिकारी को चुने जाने पर कोई चर्चा नहीं होगी.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार ने कल कहा था कि पीढ़ीगत बदलाव होना चाहिए. शायद वह चाहते थे कि नई पीढ़ी आगे बढ़े. हममें से कोई भी इसके बारे में पहले से नहीं जानता था. उन्होंने कुछ समय मांगा है और हमें उन्हें वह देना चाहिए.
ठाणे से राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि उन्होंने पवार की पार्टी प्रमुख के रूप में पद छोड़ने की घोषणा के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले दिन में, पवार की बेटी सुप्रिया सुले के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके भतीजे अजित पवार के महाराष्ट्र इकाई प्रमुख के रूप में उभरने की भी अटकलें थीं.

राकांपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल नए राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं. लेकिन उन्होंने इस संभावना से इनकार किया. पटेल ने कहा कि पवार ने अपने उत्तराधिकारी का फैसला करने के लिए मंगलवार को जिस समिति का गठन किया था, उसकी बुधवार को बैठक नहीं हुई. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि प्रदेश राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल पार्टी से नाराज हैं और उन्हें मुंबई में शीर्ष नेताओं की बैठक में नहीं बुलाया गया था. पटेल ने कहा कि पाटिल अपने चीनी सहकारी कारखाने की बैठक में भाग लेने के लिए पुणे में थे.

पुणे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर पाटिल ने कहा कि उनकी सुप्रिया सुले से बात हुई थी जिन्होंने कहा कि ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी. पटेल ने मुंबई में कहा, यदि स्थिति उत्पन्न होती है, तो समिति पवार के उत्तराधिकारी पर निर्णय लेगी और निर्णय सर्वसम्मत होगा. जब पार्टी ने उन्हें इस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा, उन्होंने अपने निर्णय पर विचार करने के लिए समय मांगा और जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक उनके उत्तराधिकारी पर विचार करने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई रिक्ति नहीं है. साथ ही पटेल ने कहा, पवार अध्यक्ष रहें या न रहें, वे पार्टी की पहचान और आत्मा हैं. पटेल ने कहा कि पार्टी पवार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को धैर्य रखना चाहिए और पवार के फैसले के विरोध में अपने पदों से इस्तीफा देना बंद कर देना चाहिए.

पटेल ने कहा कि राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की ‘वज्रमूठ’ रैलियों को भीषण गर्मी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया है और यह रविवार को तय किया गया था जब मुंबई में एक रैली आयोजित की गई थी. पटेल ने कहा, इसका पवार के राकांपा प्रमुख पद से हटने से कोई लेना देना नहीं है.

शरद पवार ने जैसे ही इस्तीफे का ऐलान किया था. कई नेता सिसक पड़े थे.  एनसीपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड की आंखों से भी आंसू बहने लगे थे. उन्होंने कहा, हमारा जीवन अर्थहीन हो गया है. हमारे सामने बहुत सारी समस्याएं हैं. हम किसके पास जाएं? यह कहते हुए कि राज्य ने ऐसा प्रगतिशील नेता नहीं देखा, उन्होंने कहा, आपकी उम्र कोई मुद्दा नहीं है. मैंने आपको 2004 में नागपुर में खून से लथपथ चुनाव प्रचार करते देखा है. आप आज बेहतर स्वास्थ्य में हैं. उन्होंने आगे कहा, एक बार जब मैं आपसे मिल लेता हूं, तो मेरे अगले दस दिन शांतिपूर्ण होते हैं. आव्हाड ने कहा कि उन्होंने और ठाणे राकांपा के सभी पदाधिकारियों ने पवार की घोषणा के बाद इस्तीफा दे दिया है. पवार की घोषणा के बाद पार्टी में इस्तीफों को झड़ी लग गई है. एक के बाद एक कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं.

जयंत पाटिल ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि वह उन कई लोगों में शामिल हैं, जो ‘पवार साहब’ के नेतृत्व से प्रेरित होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सुप्रिया सुले के अधीन काम करेंगे क्योंकि शीर्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा चल रही है, पाटिल ने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेती है, उसे सभी को स्वीकार करना होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पार्टी में किनारे किया गया है, राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री पाटिल ने कहा, यह एक बड़ा सवाल है. मुझे नहीं लगता कि आज इसका जवाब देने की कोई जरूरत है. पवार (82) ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वह राकांपा अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहीं ले रहे.