पुणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य पुणे: कोविड के इलाज के दौरान TV पत्रकार की मौत, बहन बोली- करोड़ों के हॉस्पिटल बनाए लेकिन एम्बुलेंस नहीं दी; अजित पवार ने दिया जांच का आदेश 2nd September 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this पुणे: महाराष्ट्र के पुणे शहर में बुधवार को एक निजी चैनल के पत्रकार की कोरोना से मौत हो गई। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि पत्रकार को प्रशासन समय पर ना तो एम्बुलेंस मुहैया करवा पाया और ना ही अस्पताल में बेड। इस घटना ने पुणे शहर की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेशराज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पांडुरंग रायकर की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन वह पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए बिना ही निकल गए! वहीं दूसरी तरफ पुणे शहर के महापौर ने यह स्वीकार किया है कि प्रशासन की दुर्व्यवस्था की वजह से पांडुरंग की मौत हुई! टीवी पत्रकार पांडुरंग रायकर कोरोना के शिकार हो गए थे पांडुरंग रायकरकोरोना काल में लगातार रिपोर्टिंग कर रहे Tv9 मराठी चैनल के पत्रकार पांडुरंग रायकर का निधन हो गया। पांडुरंग 42 वर्ष के थे आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। पांडुरंग के परिवार में उनकी पत्नी एक बेटा, बेटी और मां- बाप हैं। पांडुरंग के मौत के लिए सरकारी कार्यप्रणाली सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। पांडुरंग कोरोना वायरस से ग्रसित थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। लिहाजा उन्हें कोविड सेेंटर से दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में ले जाने के लिए समय पर कार्डियक ऐम्बुलेंस नहीं मिली। कुछ समय बाद जब एक एम्बुलेंस मिली तो उसमें डॉक्टर नहीं थे। अस्पताल में भर्ती कराने के लिए जो देरी हुई उसके कारण उनका निधन हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि पांडुरंग रायकर जैसे न जाने कितने लोग इस व्यवस्था के शिकार होकर रोज दम तोड़ रहे होंगे। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? पांडुरंग के साथ क्या हुआ: 20 अगस्त से बीमार थे पांडुरंग रायकरपत्रकार पांडुरंग 20 अगस्त को ठंडी और बुखार की शिकायत के बाद डॉक्टर से मिले। उनकी 27 अगस्त को कोरोना की जांच की गई जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। दूसरे ही दिन 28 अगस्त को पांडुरंग रायकर अहमदनगर जिले के कोपरगांव अपने गांव गए थे। गांव में उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। लिहाजा उन्होंने कोपरगांव में ही एंटीजन टेस्ट करवाया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रविवार 30 अगस्त की रात एम्बुलेंस की सहायता से उन्हें इलाज के लिए पुणे लाया गया। पुणे के पत्रकारों ने पांडुरंग के परिवार के साथ बातचीत करने के बाद उन्हें इलाज के लिए कोविड सेंटर में भर्ती करवाया। पुणे के जंबो हॉस्पिटल के आईसीयू में पांडुरंग का इलाज चल रहा था। लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं था। मंगलवार 1 सितंबर के दिन उनका ऑक्सीजन लेवल घटकर 78 तक पहुंच गया। जंबो हॉस्पिटल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कार्डियक एम्बुलेंस की जरूरत थी। एम्बुलेंस मिलने के लिए सभी प्रयत्न कर रहे थे। रात में एक एम्बुलेंस मिली भी तो उसका वेंटिलेटर ही खराब था। दूसरी एम्बुलेंस में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। तब तक रात के सवा बारह बज चुके थे। अब तक पांडुरंग की तबियत काफी ज्यादा खराब हो चुकी थी। बहन ने लगाया कार्डियक एम्बुलेंस नहीं मिलने का आरोपबुधवार को पांडुरंग की बहन ने आरोप लगाया कि उन्हें कार्डियक एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण एक साधारण एम्बुलेंस में अहमदनगर से पुणे लाना पड़ा और इलाज में देरी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि जंबो अस्थाई हॉस्पिटल में पत्रकार पांडुरंग रायकर को सही इलाज नहीं मिला, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हुई है।बहन ने कहा, यहां अराजकता है, डॉक्टरों को प्रशिक्षित नहीं किया गया है। उन्होंने (सरकार ने) करोड़ों की कीमत वाले केंद्र बनाए, लेकिन मरीजों को हॉस्पिटल तक शिफ्ट करने के लिए कार्डियक एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई, इस कारण पांडुरंग की मृत्यु हो गई। एक अस्थाई हॉस्पिटल में बचे सिर्फ 30 आईसीयू बेडपुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (पीएमसी) ने खुलासा किया है कि कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में बने अस्थाई जंबो अस्पताल में केवल 30 आईसीयू बेड ही बचे हैं। इस हॉस्पिटल का निर्माण गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए अस्थाई रूप से किया गया था। यहां 600 ऑक्सीजन बेड और 200 आईसीयू बेड थे। ये सभी लगभग फुल होने की कगार पर हैं। इसके अलावा, विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी भारी कमी है। इसलिए अब नए मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा है। पिछले दिनों इस हॉस्पिटल का उद्घाटन डिप्टी सीएम अजित पवार ने किया था। अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए पांडुरंगमूल रूप से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रहने वाले 42 वर्षीय पांडुरंग रायकर, अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, पुत्र और पुत्री को इस दुनिया में छोड़ कर चले गए हैं। टीवीजेए ने परिवार को 50 लाख की मदद देने की मांग कीटीवी पत्रकारों का संगठन ‘टीवी जर्नलिस्ट एसोसिएशन’ मुंबई ने राज्य सरकार से मांग की है कि दिवंगत पत्रकार पांडुरंग रायकर के परिजनों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए।बता दें कि 4 जून 2020 को स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने खामगांव में एक कोविड सेंटर के उद्घाटन के वक्त कहां था कि सरकार ने पत्रकारों को भी बीमा कवच के दायरे में रखा है। जिस किसी भी पत्रकार की मौत कोरोना से होगी उनके परिवार को यह राशि दी जाएगी। मंत्री टोपे ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही है। सीएम इस्तीफा देकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करेंपत्रकार के निधन पर भाजपा नेता नीतेश राणे ने महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम के इस्तीफे की मांग की है।नीतेश राणे ने लिखा- पुणे में पत्रकार का मर्डर हुआ? महाराष्ट्र सरकार की ढिलाई की वजह से उन्होंने अपनी जान गंवा दी! कोरोना के इस काल में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है। इस कोविड केंद्र का उद्घाटन करने वाले सीएम इस्तीफा देकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने पांडुरंग के निधन पर शोक व्यक्त कियावहीं पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने पांडुरंग के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सीएम उद्धव ठाकरे से इस संबंध में चर्चा करने की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है।पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ट्विटर पर लिखा- कोरोना के कारण पुणे से पांडुरंग रायकर का आकस्मिक निधन बेहद दर्दनाक है। उन्हें मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि! हम परिवार और रिश्तेदारों के दुःख में शामिल हैं। Post Views: 180